हेमंत मंत्रिमंडल में स्थान हासिल करने के लिए कांग्रेस में टांग-खिंचाई, दिखाई जा रही घोटालों की पुरानी फाइल Dhanbad News
झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में कांग्रेस के 16 विधायक चुनकर आए हैं। इनमें पाकुड़ के विधायक आलमगीर आलम मंत्री और लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरावं मंत्री बन चुके हैं।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीन मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। अब सबकी निगाह मंत्रिमंडल विस्तार पर है। झामुमो और राजद में तो मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई किच-किच नहीं है। चुनाव में राजद के एक ही विधायक सत्यानंद भोक्ता चुनकर आए थे जो मंत्री बन चुके हैं। झामुमो में भी कोई किंतु-परंतु नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत अपने जिस विधायक को चाहेंगे मंत्री बनाएंगे। माजरा है तो कांग्रेस विधायकों को लेकर। एक-एक विधायक का कोई न कोई कांग्रेस का बड़ा नेता पैरवीकार है। इसलिए सबकुछ दिल्ली दरबार में ही तय होना है।
झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में कांग्रेस के 16 विधायक चुनकर आए हैं। इनमें पाकुड़ के विधायक आलमगीर आलम और लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरावं मंत्री बन चुके हैं। । हेमंत सोरेन मंत्रीमंडल में कांग्रेस को 5 मंत्री पद मिलने की चर्चा है। शेष बचे तीन के लिए जोरआजमाइश चल रही है। कांग्रेस विधायक पद हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं। एक-दूसरे की टांग खिंचाई में भी पीछे नहीं हैं। इसके लिए एक-दूसरे की कुंडली बांच रहे हैं। सोशल मीडिया में घपले-घोटाले की कहानी शेयर की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। लेकिन, वे पूर्व की सरकार में मंत्री रहते हुए घोटाले में फंस चुके हैं। इस घोटाले को आधार बनाकर मंत्रिमंडल की दाैड़ से उनका पत्ता साफ करवाने के लिए विरोधी सक्रिय हो गए हैं। विरोधी में उनके सजातीय शामिल हैं। पूर्व मंत्री का नाम कटा तभी उनके सजातीय दूसरे विधायक की लॉटरी निकलेगी। इसके लिए घोटाले से संबंधित फाइल तैयार कर कांग्रेस के रणनीतिकारों तक पहुंचाई जा रही है। घोटाले से संबंधित अखबार में छपी खबरें सोशल मीडिया में वायरल की जा रही हैं। इस कवायद ने एक बार फिर से कांग्रेसी संस्कृति की याद ताजा कर दी है।