पुलिस की फटी वर्दी के फंदे में फंसेंगे भाजपा विधायक ढुलू महतो, जानिए पूरा मामला
सहायक लोक अभियोजक सोनी कुमारी ने कोर्ट में आवेदन देकर बताया कि घटना के दौरान पुलिस जवान रामबचन राम की वर्दी फाड़ी गई थी। कुमारी ने इस वर्दी को प्रदर्श के रूप में दर्ज करने का आग्रह किया।
धनबाद, जेएनएन। वारंटी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले जाने के मामले में बाघमारा विधायक ढुलू महतो की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अभियोजन की ओर से अदालत में केस को फिर से चालू किया गया और फटी हुई वर्दी को प्रदर्श के रूप में पेश किया गया। इस दौरान बीमार होने के कारण ढुलू न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके थे, जबकि मामले के अन्य आरोपी उपस्थित थे।
सहायक लोक अभियोजक सोनी कुमारी ने कोर्ट में आवेदन देकर बताया कि घटना के दौरान पुलिस जवान रामबचन राम की वर्दी फाड़ी गई थी। कुमारी ने इस वर्दी को प्रदर्श के रूप में दर्ज करने का आग्रह किया। वर्दी लेकर कतरास थाने के एएसआइ शंभू प्रसाद कुशवाहा न्यायालय में हाजिर हुए थे। अभियोजन की अर्जी पर विधायक ढुलू की ओर से अधिवक्ताओं ने विरोध किया।
दो घंटे तक चली बहसः इस मामले को लेकर करीब दो घंटे तक बहस चली। ढुलू के अधिवक्ताओं ने कहा कि बचाव के सारे तथ्य अदालत के सामने रख दिए गए हैं। ऐसे में अब अभियोजन अपनी कमी को पूरा करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं ला सकता। इस बावत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सतीश कुमार बनाम यूपी व दीनानाथ बनाम बिहार राज्य के मामले मे पारित निर्णय का भी हवाला भी दिया। दलील सुनने के बाद अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शशिभूषण शर्मा की अदालत ने विधायक की आपत्ति को खारिज कर दिया तथा शंभू प्रसाद कुशवाहा का बयान दर्ज करने का आदेश दिया। गवाह शंभू प्रसाद कुशवाहा के बयान पर जब्त की गई वर्दी को वस्तु प्रदर्श के रूप मे अंकित किया गया।
अपने बयान में शंभू प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि थाना प्रभारी के आदेशानुसार वर्दी लेकर अदालत में आए है, हलांकि अपने प्रति परीक्षण में वह पूरी तरह से टूट गए केस की कोई व्यक्तिगत जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि वर्दी को सील नहीं किया गया ना ही उस पर थाना कांड संख्या अंकित है। वर्दी जिस पैकेट में लाया गया उसमें छेड़छाड़ संभव था। इस तरह की वर्दी बाजार मे भी उपलब्ध है। 15 दिसंबर 2018 को विधायक की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता ललन ओझा एवं वरीय अधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने दलील देते हुए कहा था कि यदि पुलिस रामवचन राम की वर्दी फटी होती तो उसे अभियोजन जरूर कोर्ट मे पेश करता, परंतु न तो पुलिस अथवा अभियोजन ने ही उसे कोर्ट मे पेश।
ढुलू नर्सिंग होम में भर्तीः विधायक की ओर से अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व का आवेदन देकर बताया कि ढुलू डायरिया रोग से ग्रसित हैं और संजीवनी नर्सिंग होम में भर्ती हैं। इस बावत इलाज के कागजात भी दाखिल किया गया, जिस पर अभियोजन ने विरोध करते हुए कहा कि इन्हें उच्च न्यायालय ने प्रत्येक तारीख पर संदेह हाजिर होने की शर्त पर जमानत दी है।
विस सत्र में उपस्थित होने की मांगी अनुमतिः सुनवाई के दौरान विधायक की ओर से अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद एवं एनके सविता ने विधानसभा के सचिव द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए अदालत से कहा कि झारखंड विधानसभा का सत्र 17 जनवरी से शुरू हो रहा है, जो आठ फरवरी तक चलेगा। ढुलू महतो बाघमारा विधानसभा के विधायक हैं आम जनता के हित का सवाल और उनकी परेशानियों को विधानसभा में उठाना है। इस कारण उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए। इस पर अदालत ने कहा कि पहले वह आवेदन दाखिल करे तब इस पर सुनवाई होगी।