59 पुलिसकर्मियों के भरोसे छह लाख वाहनों की जांच का जिम्मा
धनबाद: धनबाद में ट्रैफिक व्यवस्था खराब रहने की आवाज उठती रहती है। मंत्री से लेकर आला अधिकारियो
धनबाद: धनबाद में ट्रैफिक व्यवस्था खराब रहने की आवाज उठती रहती है। मंत्री से लेकर आला अधिकारियों तक इसकी शिकायत हुई है लेकिन व्यवस्था खराब क्यों है, इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा। पिछले 11 सालों में ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ने की जगह दस गुना तक घट चुकी है। जिले में 59 पुलिसकर्मियों के भरोसे ट्रैफिक व्यवस्था की कमान है। वर्ष 2007 में ही पुलिस परिहवन मुख्यालय ने जिले ट्रैफिक पुलिस के लिए स्वीकृत पद 260 रखा था। इसमें 200 सिपाही, 50 हवलदार तथा 10 पदाधिकारी थे। उस वक्त धनबाद की आबादी भी तकरीबन 18 लाख के आसपास थी, परंतु वर्तमान में जिले की आबादी 30 लाख पार कर रही है और ट्रैफिक विभाग में कुल मिलाकर 59 पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं। इसमें सात पुलिसकर्मी प्रत्येक माह छुंट्टी पर जाते हैं। ऐसे में 52 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से ट्रैफिक व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने का दावा जिला पुलिस करती है।
एक सिपाही के जिम्मे दस हजार वाहनों की जांच: पिछले 11 वर्षो में जिस तरह वाहनों की संख्या जिले में बढ़ी है उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिसकर्मी वाहनों की चेकिंग किस तरह करते होंगे। वर्तमान समय में बड़ी छोटी मिलाकर जिले में छह लाख निबंधित वाहन हैं। अगर उन वाहनों की चेकिंग की बात करें तो वर्तमान में एक पुलिसकर्मी के जिम्मे दस हजार एक सौ 59 वाहनों की चेकिंग की जिम्मेवारी है।
59 पुलिसकर्मी प्रत्येक महीने वसूलते 5 लाख जुर्माना: ट्रैफिक नियम तोड़नेवाले वाहन चालकों को पकड़ना और उनसे जुर्माना वसूलने की जिम्मेवारी ट्रैफिक पुलिस को मिली है। पिछले पांच सालों में परिवहन विभाग ने जुर्माना वसूली करने का लक्ष्य पांच गुना तक बढ़ा दिया है। पहले ट्रैफिक पुलिस महीने में एक से डेढ़ लाख तक जुर्माना वसूल करती थी, परंतु अब उन्हें 15 लाख रुपये प्रत्येक महीना जुर्माना वसूली का टारगेट सौंपा गया है। इतना ही नहीं प्रत्येक माह नियम तोड़नेवाले पचास बाइक सवारों के लाइसेंस निलंबित कराने की जिम्मेवारी भी ट्रैफिक पुलिस को दी गई है।
चेकपोस्ट पर ट्रैफिक सिपाही को तैनात करने का निर्देश: जिले में 59 ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं जिसमें एक डीएसपी, एक सार्जेट, एक दारोगा, सात जमादार तथा बाकी सिपाही हैं। उनमें से कुछ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी चेकपोस्ट पर भी लगाई जाती है। कुछ पुलिसकर्मियों की ट्रैफिक जाम हटाने के लिए ड्यूटी लगती है तो कुछ मुख्यालय से मिले राजस्व वसूली के टारगेट में जुटते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि धनबाद जैसे महत्वपूर्ण शहर में ट्रैफिक पुलिस की बदहाली पर न तो अधिकारियों की ध्यान जाता है और न ही नेताओं ने इसपर संज्ञान लिया है।