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Dhanbad SNMMCH: 30 होमगार्ड जवानों पर दो हजार मरीजों की निगरानी का जिम्मा, एक पाली में मात्र 8 होमगार्ड की ड्यूटी

होमगार्ड जवान के कमांडर सुनील कुमार बताते हैं तीन शिफ्ट में ड्यूटी करने के दौरान मात्र 8 होमगार्ड के जवान ही अस्पताल में रह पाते हैं। ऐसे में 8 होमगार्ड के जवान अस्पताल में रहने के बाद भी पता नहीं चल पाते हैं।

By Atul SinghEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 09:51 AM (IST)
Dhanbad SNMMCH: 30 होमगार्ड जवानों पर दो हजार मरीजों की निगरानी का जिम्मा, एक पाली में मात्र 8 होमगार्ड की ड्यूटी
ऐसे में 8 होमगार्ड के जवान अस्पताल में रहने के बाद भी पता नहीं चल पाते हैं। (प्रत‍िकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: 570 बेड के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सुरक्षा के लिए मात्र 30 होमगार्ड के जवान लगाए गए हैं। इसमें 5 होमगार्ड के जवान नर्सिंग हॉस्टल में तैनाती की गई है। तीन शिफ्ट में बचे 25 होमगार्ड से अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है। यही वजह है कि अस्पताल में हर दिन मोटरसाइकिल चोरी, मोबाइल चोरी समेत कई आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। जबकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कई बार पुलिस प्रशासन से जवानों की संख्या बढ़ाने और पुलिस पिकेट स्थापित करने की मांग की गई। लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं हो पाया है। अस्पताल में हर दिन ओपीडी में लगभग 1600 और इंडोर वार्ड में लगभग 400 मरीज होते हैं।

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80 जवानों की जगह 30 जवानों से ड्यूटी

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज में होमगार्ड के जवानों के लिए 80 पद रखे गए हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से अस्पताल में 30 होमगार्ड जवान ही तैनात किए गए हैं। होमगार्ड जवान के कमांडर सुनील कुमार बताते हैं तीन शिफ्ट में ड्यूटी करने के दौरान मात्र 8 होमगार्ड के जवान ही अस्पताल में रह पाते हैं। ऐसे में 8 होमगार्ड के जवान अस्पताल में रहने के बाद भी पता नहीं चल पाते हैं। यही वजह है कि आराम से बदमाश अस्पताल में घुसकर अपराधिक घटनाओं का अंजाम देते हैं।

आश्वासन के बावजूद नहीं बन पाया पुलिस पिकेट

अस्पताल में डॉक्टर और मरीजों में मारपीट के बाद वर्ष 2020 में पुलिस प्रशासन की ओर आपातकालीन विभाग के पास पुलिस पिकेट बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 25 लाख रुपए जिला प्रशासन की ओर से स्वीकृति की गई। लेकिन जमीन चिन्हित करने के बाद आगे एक कदम अभी तक मामला नहीं बढ़ पाया है। लिहाजा अस्पताल में आने वाले मरीजों के तीमारदारों, अस्पताल के कर्मियों की मोटरसाइकिल और मोबाइल हर दिन चोरी हो रही है। पुलिस प्रशासन और अस्पताल प्रशासन के उदासीनता के बीच आम लोग परेशानी झेल रहे हैं।


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