Dhanbad: बरसात से पहले ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का हाल बेहाल, वार्ड में कई जगह पर गिर रहे प्लास्टर
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में हाल बेहाल है। वार्ड में पहली बारिश में ही कई जगहों पर प्लास्टर टूटकर गिरने लगे हैं। जगह जगह पर दीवार से प्लास्टर अलग हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में हाल बेहाल है। वार्ड में पहली बारिश में ही कई जगहों पर प्लास्टर टूटकर गिरने लगे हैं। जगह जगह पर दीवार से प्लास्टर अलग हो गए हैं। ऐसे में अब बरसात का मौसम भी आ गया है। यहां भर्ती मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वार्ड में प्रसव होने के बाद जच्चा और बच्चा को रखा जाता है। ऐसे में आने वाले मरीज व्यवस्था से खासे नाराज हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में हर दिन लगभग 25 से 30 नए मरीज आ रहे हैं। जबकि इतने लोगों की छुट्टी हो रही है।
वार्ड में शॉर्ट सर्किट की आशंका
कई जगह पर पहली बारिश में ही वार्ड रिसने लगा है। इसी के साथ जगह-जगह पर बिजली के तार बिछे हुए हैं। ऐसे में लोगों को आशंका है कि भारी बरसात के दिनों में शॉर्ट सर्किट होने की आशंका है। यहां भर्ती मरीजों ने कई बार अस्पताल कर्मियों से इसकी शिकायत की है। बावजूद अभी तक अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं किया जा सका है। जहां प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं उसी के नीचे कई जगहों पर मरीज भर्ती हैं। वार्ड में भर्ती धनसार की रेखा देवी ने बताया कि कई जगहों पर प्लास्टर गिरने से मन में भय है। जब भी बेड पर रहती हूं, डर बना रहता है।
हाई कर्ट के निर्देश पर 5 करोड़ रुपये में मरम्मत
अस्पताल में बारिश में बदतर स्थिति के कारण हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था। इसके बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने वर्ष 2016-17 में लगभग 5 करोड़ रुपए से अस्पताल भवन की मरम्मत कराई थी। पूरे अस्पताल में पानी का रिसाव नहीं हो इसके लिए विशेष पुट्टी का इस्तेमाल कराया गया था। लेकिन मात्र 5 वर्षों में ही मरम्मत की पोल खुलने लगी है। कई जगहों पर प्लास्टर फिर पहले की तरह झड़ने लगे हैं। फिर से पानी रिसाव का डर बन गया है।
कोट
भवन की मरम्मत के लिए संबंधित विभाग को कहा गया है। जहां समस्याएं हैं उसे दूर करने की कोशिश हो रही है।
डॉलर अरुण कुमार वर्णवाल, अधीक्षक