Indian Railways IRCTC: एक ट्रेन के लिए धनबाद और हावड़ा रेल मंडल में टशन, विधानसभा चुनाव में बन सकता मुद्दा
कोलफील्ड एक्सप्रेस धनबाद और हावड़ा रेलवे स्टेशन के बीच चलती है। यह ट्रेन हावड़ा रेल मंडल की है। इस ट्रेन को धनबाद रेल मंडल अपने अधीन करना चाहता है। इसे लेकर दोनों रेल मंडल प्रबंधन के बीच टशन चल रहा है।
धनबाद, जेएनएन। हावड़ा और धनबाद के बीच चलने वाली कोलफील्ड सुपरफास्ट ट्रेन पर धनबाद रेल मंडल ने दावा ठोक दिया है। ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस की तरह कोलफील्ड एक्सप्रेस को भी धनबाद रेल मंडल के अधीन करने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल को झटका देने जैसा है। अगर इसे मंजूरी मिल गई तो पश्चिम बंगाल के हावड़ा रेल मंडल की ट्रेन धनबाद की झोली में आ जाएगी। इस मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 के दाैरान राजनीति भी हो सकती है।
क्यों कर रहा धनबाद ऐसा दावा
धनबाद से हावड़ा जाने वाली ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस धनबाद रेल मंडल की ट्रेन है। यानी उसके मेंटेनेंस की पूरी जिम्मेदारी धनबाद की है। दूसरी ओर कोलफील्ड एक्सप्रेस हावड़ा रेल मंडल की ट्रेन है। दोनों ट्रेनों के खुलने और गंतव्य वाले स्टेशन एक होने के बाद भी अलग-अलग डिवीजन की ट्रेन होने से तकनीकी समस्या बनी रहती है। इनमें कोलफील्ड एलएचबी रैक से और ब्लैक पुराने रैक से चलती है। दोनों ट्रेनों की कंट्रोलिंग अलग होने से रैक का निर्णय लेने में भी परेशानी होती है।
कोलफील्ड को कोडरमा या पारसनाथ स्टेशन तक एक्सटेंशन आसान
कोलफील्ड एक्सप्रेस रात 9.40 पर धनबाद पहुंच कर पूरी रात प्लेटफॉर्म पर खड़ी रहती है। अपने नियंत्रण की ट्रेन न होने से धनबाद रेल मंडल इसका एक्सटेंशन नहीं कर पा रहा है। अगर कोलफील्ड एक्सप्रेस धनबाद रेल मंडल को मिल गयी तो पूरी रात प्लेटफार्म पर खड़े रखने के बजाए पारसनाथ या कोडरमा तक एक्सटेंशन भी किया जा सकेगा। इससे वहां के यात्रियों को हावड़ा समेत पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों के लिए सीधी ट्रेन मिल जाएगी। इस बारे में धनबाद के एक अधिकारी ने बताया कि मंडल स्तर पर इस पर बातचीत हो चुकी है। 17 फरवरी को पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक धनबाद दौरे पर आ रहे हैं। उनके साथ भी इस मामले में बातचीत कर मुख्यालय स्तर पर पहल करने का आग्रह किया जाएगा।
झारखंड और पश्चिम बंगाल में होता रहा है टकराव
झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई मुद्दों को लेकर हमेशा टकराव होता रहा है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कोल इंडिया और डीवीसी का मुख्यालय है। झारखंड की मांग रही है कि दोनों मुख्यालय को रांची लाया जाय। इसके पीछे का तर्क यह है कि डीवीसी और कोल इंडिया का कार्यक्षेत्र पश्चिम बंगाल के मुकाबले झारखंड में ज्यादा है। रेल सेवा को लेकर भी राजनीति होती रही है।