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धनबाद के सजायाफ्ता कैदी ने हजारीबाग जेल में की आत्महत्या, कैदियों ने किया हंगामा Dhanbad News

योगेश हजारीबाग के जेपी कारा में हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। ढाई साल पहले उसे धनबाद से जेपी कारा हजारीबाग स्थानांतरित किया गया था।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 08:25 PM (IST)
धनबाद के सजायाफ्ता कैदी ने हजारीबाग जेल में की आत्महत्या, कैदियों ने किया हंगामा Dhanbad News
धनबाद के सजायाफ्ता कैदी ने हजारीबाग जेल में की आत्महत्या, कैदियों ने किया हंगामा Dhanbad News

धनबाद/ हजारीबाग, जेएनएन। जेपी कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी योगेश कुमार चौहान ने बुधवार को अपने सेल में फांसी लगाकर जान दे दी। कैदी की मौत की सूचना के बाद जेल के अन्य कैदियों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा इस कदर बढ़ा कि कारा प्रशासन को पगली घंटी बजानी पड़ी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मेघा भारद्वाज, सदर थाना प्रभारी नीरज कुमार दल बल के साथ जेपी कारा पहुंचे और भारी मशक्कत के बाद कैदियों को शांत कराया। विरोध के बीच कैदियों ने घंटों मौके से शव नहीं ले जाने दिया। बाद में पुलस-प्रशासन ने शव का पोस्टमार्टम करवाया।

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योगेश हजारीबाग के जेपी कारा में हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। ढाई साल पहले उसे धनबाद से जेपी कारा हजारीबाग स्थानांतरित किया गया था। जेपी कारा में किसी कैदी द्वारा फांसी लगाकर जान देने की यह छह माह में दूसरी घटना है। बताया जाता है कि अंडा सेल में बंद योगेश ने मंगलवार रात को अपने सेल में पायजामा के सहारे फांसी लगा पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। सुबह फांसी लगाने की जानकारी वार्ड प्रभारी को मिली, इसके बाद शव को आनन फानन में नीचे उतारा गया। 

परिजनों ने लगाए आरोप, कहा- बार-बार गुहार लगाने के बाद भी इलाज नहीं 

सूचना पाकर जेल पहुंचे परिजनों ने जेल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार था, जेपी कारा द्वारा उसका इलाज नहीं कराया गया। इलाज में लापरवाही को लेकर आरटीआइ के माध्यम से परिजनों ने पूर्व में जानकारी भी मांगी थी। अधीक्षक को पत्र लिखकर भी इलाज कराने की गुहार भी लगाई थी, लेकिन उसका इलाज नहीं कराया गया। 

पुलिस ने शुरू की मामले की जांच 

इस बीच एसडीएम के आदेश पर बोर्ड का गठन कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। परिजनों ने को शव सौंप कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक 2014 में धनबाद के झरिया थाना क्षेत्र में एक सामूहिक हत्या हुई थी। इसमें दर्जन भर से अधिक लोग आरोपित थे। कोर्ट ने योगेश को दोषी पाकर सजा दी थी। परिजनों के अनुसार वह 11 साल से मानसिक रूप से बीमार था और उसने कोर्ट को भी इलाज की बावत रिपोर्ट दी थी। 

 मामले में यूडी केस दर्ज किया गया है। मृतक के परिजनों की शिकायत पर भी जांच की जा रही है। 

- रोहित कुमार सिंह, थाना प्रभारी, लोहसिंघना, हजारीबाग।


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