शूटर अमन से जुड़ रहा विधायक ढुलू समर्थकों के घर पर फायरिंग का तार, पुलिस ने एक को दबोचा Dhanbad News
डीएसपी नितिन खंडेलवाल ने बताया कि नंदू ने गिरोह के सात सदस्यों के नाम बताए हैं। पुलिस को शक है कि धनबाद जेल में बंद पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड के शूटर अमन सिंह के इशारे पर विधायक ढुलू महतो के समर्थकों के घर पर फायरिंग की गई।
कतरास, जेएनएन। कतरास थाना की पुलिस ने आकाशकिनारी निवासी नंदू यादव को गिरफ्तार कर अपराधियों के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरोह के सदस्य रंगदारी व अवैध वसूली के लिए गोलियां चलाकर दहशत फैलाते थे। गिरोह के तार धनबाद जेल से जुड़े हैं। फिलहाल जेल के मुद्दे पर पुलिस बोलने से परहेज कर रही है।
सोमवार देर शाम कतरास थाना में डीएसपी नितिन खंडेलवाल ने बताया कि नंदू ने गिरोह के सात सदस्यों के नाम बताए हैं। पुलिस को शक है कि धनबाद जेल में बंद पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड के शूटर अमन सिंह के इशारे पर विधायक ढुलू महतो के समर्थकों के घर पर फायरिंग की गई।
नंदू की गिरफ्तारी के बाद पुलिस का दावा है कि 21 जुलाई को कोयला व्यवसायी अभय सिंह के रानीबाजार स्थित आवास और 13 अगस्त की रात निचितपुर के कोयला व्यवसायी राजेश गुप्ता के घर के गेट पर इसी गिरोह ने गोलियां चलाई थीं। राजेश के घर पर चंदन यादव ने गोली दागी थी और नंदू बाइक चला रहा था। अभय के घर पर छोटू सिंह ने गोली चलाई और चंदन बाइक चला रहा था। गिरोह के चंदन यादव, दिलीप यादव व चंदन पांडेय ने हाल में ही दूसरे मामले में कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। इन्हें रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि सरगना की गिरफ्तारी हो सके। नंदू को मंगलवार को कोर्ट भेजा जाएगा। छोटू समेत अन्य की तलाश जारी है। अभय सिंह और राजेश गुप्ता बाघमारा के विधायक ढुलू महतो के नजदीकी हैं।
डीएसपी नितिन खंडेलवाल की मानें तो फायरिंग की घटना से पहले नंदू न्यायिक हिरासत से मुक्त हुआ था। उसे लाने के लिए चंदन व छोटू कार से धनबाद गए थे। ईस्ट कतरास में इन बदमाशों ने आपराधिक साजिश रची थी। बता दें कि आठ सितंबर को आकाशकिनारी में हवाई फायरिंग में चंदन, दिलीप व नंदू नामजद आरोपित हैं।
गिरोह का खुलासा करने में कतरास के थाना प्रभारी रासबिहारी लाल, एसआइ आलोक सिंह व चंदन भैया और एएसआइ सीताराम प्रसाद का योगदान रहा।
अमन सिंह के इशारे पर गोली चलाने का शक
अभय सिंह की पत्नी निभा सिंह ने गोलीकांड की बाबत शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें अमन, शेर बहादुर और बुचन को आरोपित बनाया था। प्राथमिकी में जेल में बंद अमन के इशारे पर गोली चलाने का संदेह जताया गया।