Move to Jagran APP

Dhanbad: यहां 25 वर्षों बाद भी सहायक से नहीं बन पाए शिक्षक

शिक्षक छात्र अनुपात को लेकर शिक्षक संघ अडिग हो गए है। संघ इस बात पर अड़ा हुआ है कि प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालय में स्थानीय स्तर पर जो शिक्षक अनुपात की व्याख्या की जा रही है वह सैद्धांतिक रूप से सही नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Atul SinghPublished: Tue, 04 Oct 2022 06:34 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 06:34 PM (IST)
Dhanbad: यहां 25 वर्षों बाद भी सहायक से नहीं बन पाए शिक्षक
शिक्षक छात्र अनुपात को लेकर शिक्षक संघ अडिग हो गए है। संघ इस बात पर अड़ा हुआ है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: शिक्षक छात्र अनुपात को लेकर शिक्षक संघ अडिग हो गए है। संघ इस बात पर अड़ा हुआ है कि प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालय में स्थानीय स्तर पर जो शिक्षक अनुपात की व्याख्या की जा रही है वह सैद्धांतिक रूप से सही नहीं है। जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष शिक्षक संघ बार-बार शिक्षक युक्तीकरण, छात्र-शिक्षक अनुपात तथा शिक्षकों के अलग-अलग ग्रेड में प्रोन्नति का मामला उठा रहे हैं। शिक्षक संघों की ओर से आठ बिंदुओं पर जिला शिक्षा पदाधिकारी लागू करने की मांगी की है। संघ की ओर से मांग की गई कि प्रारंभिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 30:01 तथा माध्यमिक विद्यालय (09-12 वर्ग) के लिए 40:01 किया जाना चाहिए। इसमें सरकारी तथा सहायक अध्यापक दोनों को शामिल किया जाना चाहिए।

loksabha election banner

संकुल तथा प्रखंड में समायोजन नहीं होने पर दूसरे प्रखंडों में समायोजन किया जाए। प्रोन्नति के मामले पर भी शिक्षक संघ मुखर थे। संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि 25 वर्षों से प्रोन्नति लंबित है। ग्रेड चार (स्नातक प्रशिक्षत) के प्रोन्नति से भरे जाने वाले 421 पदों पर जल्द से जल्द प्रोन्नत किया जाए। ग्रेड-7 के 237 के पद (प्रधानाध्यापक) एवं ग्रेड-3 में वर्ष 2010 से प्रोन्नति दी जाए। सेवानिवृत्ति के मामलों के निबटाने के लिए अलग से सेल बनाने, बायोमीट्रिक हाजिरी के आंकड़े में सुधार करने की भी मांग की गई।

एमडीएम की समस्याओं को भी संघ ने उठाया। कहा कि धनबाद प्रखंड की तरह अन्य प्रखंडों में भी डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था हो। वेतन निर्धारण की वंचित की समस्या के निराकरण की मांग भी की गई। संघ के अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग में चलने वाली कल्याणकारी योजनाएं जैसे छात्रवृत्ति तथा साइकिल वितरण में ओवर रिपोर्टिंग का दबाव होता है। इस मामले को शिक्षा विभाग गंभीरता से ले।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.