संजीव सिंह के मामले में जेल आइजी से दुमका जेल अधीक्षक ने मागा निर्देश
धनबाद अदालत के आदेश के बाद भी दुमका जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को
धनबाद : अदालत के आदेश के बाद भी दुमका जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को धनबाद जेल शिफ्ट नहीं किए जाने के मामले में शुक्रवार को
लोक अभियोजक बीडी पाडे ने अदालत में लिखित जवाब दाखिल किया। दो मार्च को अदालत ने संजीव सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर अभियोजक को लिखित ज़बाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई 16 मार्च को होनी है। उसके पूर्व ही अभियोजन ने ज़बाब दाखिल कर दिया। कोर्ट में दाखिल जबाब में अभियोजक ने कहा है कि अदालत का आदेश मिलते ही धनबाद जेल अधीक्षक ने दुमका जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर बंदी को धनबाद जेल वापस भेजने का अनुरोध किया है। दुमका अधीक्षक ने भी जेल आइजी से आवश्यक निर्देश व पुलिस बल की माग की है। परंतु जेल आइजी द्वारा अब तक कोई दिशा निर्देश प्राप्त नही होने के कारण संजीव सिंह को दुमका से धनबाद जेल शिफ्ट नहीं किया जा सका है। अभियोजन ने दोनो जेल अधीक्षक द्वारा लिखे गए पत्र की कॉपी भी अदालत में दायर की गई है। ---------------
सतीश हत्याकाड में शूटर बाबू राजा ने वापस ली जमानत अर्जी धनबाद : भाजपा नेता सतीश सिंह को गोली मारने के आरोपित बाबू राजा चंद्र प्रकाश ने शुक्रवार को अपनी जमानत अर्जी अदालत से वापस ले ली। जिस कारण अदालत ने उसे खारिज कर दिया। वहीं आरोपीत उत्तम महतो की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि रंजन की अदालत ने उत्तम की जमानत अर्जी खारिज कर दी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सहदेव महतो ने दलिल पेश किया।
19 अगस्त 2020 को भाजपा नेता सतीश सिंह को बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के विकास नगर के पास दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी।
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शीतल उराव, संजय रंजन मामले में सुनवाई
धनबाद : दरोगा गिरिजेश कुमार के साथ पूर्व डीआइजी शीतल उराव, जैप टू के कमाडेंट संजय रंजन सिंह व पूर्व डीएसपी रामाशकर सिंह द्वारा
मारपीट करने के मामले में शुक्रवार को केस को रिओपन करने के आवेदन पर सुनवाई हुई। अदालत ने दारोगा गिरिजेश की अर्जी खारिज कर दी। और दोनो पक्षों को बहस करने का निर्देश दिया। गिरिजेश ने कोर्ट को दिए आवेदन में कहा था कि इस मामले में उच्च न्यायालय का आदेश दाखिल करना आवश्यक है इसलिए इसको रिओपन किया जाए। पार्षद निर्मल को पुलिस ने दी क्लीनचिट
धनबाद : वार्ड नंबर 26 के निवर्तमान पार्षद निर्मल मुखर्जी को दलित उत्पीड़न मामले में बड़ी राहत मिली है। काड के अनुसंधानकर्ता ने आरोप को गलत बताते हुए अदालत में अंतिम प्रपत्र दाखिल कर दिया है। निर्मल मुखर्जी के विरुद्ध 2 अक्टूबर 2019 को प्राथमिकी धनबाद थाने में दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में आरोप था कि 1 सितंबर 19 को पार्षद ने गलौज मारपीट और जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल किया था 25 सौ रुपए छीन लिया था। संतोष ने आरोप लगाया था कि पार्षद ने उससे काम करवा कर 1800 रुपये नही दिया था। रुपये मागने पर जाति सूचक शब्द कह अपमानित किया। अनुसंधान के दौरान जब पुलिस ने संतोष व निर्मल के मोबाइल का सीडीआर निकाला तो पता चला कि घटना की तिथि व समय को दोनों के मोबाइल के टावर लोकेशन अलग-अलग जगह पर थे। गवाहों ने भी कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी थी।