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Dhanbad: मुराईडीह चाल हादसा मामले में फंसेगी बाघमारा सीओ की गर्दन? मानवाधिकार आयोग ने ल‍िया ये स्‍टेप

पिछले महीने मुराईडीह में अवैध उत्खनन के दौरान चाल गिरने से चार लोगों की मौत हो गई थी। इसमें मौत के साथ साथ कई लोग घायल भी हो गए थे। इस संबंध में बाघमारा अंचलाधिकारी कमल किशोर सिंह ने किसी प्रकार की घटना या हादसा होने से इन्‍कार किया था।

By Atul SinghEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 02:48 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 02:48 PM (IST)
Dhanbad: मुराईडीह चाल हादसा मामले में फंसेगी बाघमारा सीओ की गर्दन? मानवाधिकार आयोग ने ल‍िया ये स्‍टेप
पिछले महीने मुराईडीह में अवैध उत्खनन के दौरान चाल गिरने से चार लोगों की मौत हो गई थी। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद : पिछले महीने मुराईडीह में अवैध उत्खनन के दौरान चाल गिरने से चार लोगों की मौत हो गई थी। इसमें मौत के साथ साथ कई लोग घायल भी हो गए थे। इस संबंध में बाघमारा अंचलाधिकारी कमल किशोर सिंह ने किसी भी प्रकार की घटना या हादसा होने से इन्‍कार किया था। जबकि घटनास्थल पर मरने वाले के चप्पल, पानी का बोतल, खून के धब्बे एवं चोरी छिपे अंतिम संस्कार कर रहे शवों की तस्वीर भी लोगों के पास है, जो कि घटना होने की पुष्टि कर रही है।

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इस संबंध में किसी भी प्रकार का हादसा से इन्‍कार करने के कारण बाघमारा सीओ की जांच भूमिका पर प्रश्न उठाते हुए जनसभा के जिला प्रतिनिधि सह आरटीआइ कार्यकर्ता अरबिन्द सिन्हा ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मेल प्रेषित कर बाघमारा सीओ कमल किशोर सिंह पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी। इसे मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लेते हुए धनबाद उपायुक्त एवं धनबाद एसएसपी से चार सप्ताह में अद्यतन जांच रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय पर रिपोर्ट नहीं सौंपी जाती है तो मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 13 के तहत संबंधित प्राधिकारी को व्यक्तिगत उपस्थित होने के लिए जबरन बाध्य किया जाएगा। अरबिन्द सिन्हा ने बताया कि यह मामला काफी गंभीर था और इसकी जांच सही तरीके से होनी चाहिए, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके। मानवाधिकार का यह कदम सराहनीय है। कोयला खनन के की वजह से धनबाद में पिछले कई दिनों से चाल धसने की घटनाएं सामने आई हैं। इन मामलों ने स्थानीय प्रबंधन के साथ ही जिला प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया है।


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