धनबाद के एक लाख परिवारों को जल्द मिलेगी बड़ी राहत, जानें नगर निगम का प्लान Dhanbad News
Dhanbad Municipal Corporation सरकारी जमीन लोक उपक्रम या स्थानीय निकाय की जमीन पर बने निर्माण को नियमित नहीं किया जाएगा। तालाब नदी पर बने मकान भी वैध नहीं होंगे।
धनबाद, जेएनएन। नगर विकास विभाग ने एक बार फिर से नगर निगम से नक्शा पास हुए बगैर बने मकानों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले वर्ष भी इन्हें नियमित करने की योजना बनी थी। अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए 27 मार्च, 2020 तक आवेदन देने की मोहलत भी दी गई थी। तभी लॉकडाउन हो गया। नियमित करने की योजना अटक गई। अब फिर प्रक्रिया शुरू हुई है। 31 दिसंबर 2018 से पहले निर्मित मकानों को ही नियमित करने की बात सामने आ रही है।
नगर निगम क्षेत्र में एक लाख से अधिक भवन ऐसे हैं, जो बिना नक्शा पास किए हुए बने हैं। अब इन भवनों में वाटर कनेक्शन और होल्डिंग नंबर नहीं दिया जाता है। ऐसे भवन मालिकों को इस आदेश से लाभ मिलेगा और नगर निगम को राजस्व की प्राप्ति भी होगी। मकान को वैध करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी।
200 रुपये प्रति वर्ग मीटर लगेगा शुल्क
पिछले वर्ष की नीति के अनुसार 500 मीटर के अंदर निर्माण के नियमितिकरण के लिए 200 रुपये प्रतिवर्ग मीटर शुल्क देना होगा। वहीं इससे अधिक निर्माण पर 500 रुपये प्रतिवर्ग मीटर शुल्क चुकाना होगा। सभी तरह के शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा। इस बार भी यही शुल्क रहने का अनुमान है।
सरकारी जमीन पर बने मकान नहीं होंगे नियमित
सरकारी जमीन, लोक उपक्रम या स्थानीय निकाय की जमीन पर बने निर्माण को नियमित नहीं किया जाएगा। तालाब, नदी पर बने मकान भी वैध नहीं होंगे। सरकारी जमीन पर सीढ़ी घर या सैप्टिक टैंक का निर्माण कराने वाले मकानों को भी नियमित नहीं किया जाएगा।
माडा से पास नक्शा भी मान्य
निगम क्षेत्र में माडा से पास किया गया नक्शा मान्य होगा। शहरी क्षेत्र में माडा ही पहले से नक्शा पास करता आया है। पिछले साल ही निगम को ऑनलाइन नक्शा पास करने का अधिकार दिया गया है। जिन लोगों ने सिर्फ ग्राउंड फ्लोर का नक्शा पास कराया था और अब वे उसके ऊपर भी फ्लोर बनवा चुके हैं, तो उन्हेंं अतिरिक्त फ्लोर का नक्शा पास कराना होगा।
धनबाद अंचल में 50 हजार से अधिक मकान
नगर निगम क्षेत्र के सिर्फ धनबाद अंचल में ही बिना नक्शे के 50 हजार से अधिक मकान बने हुए हैं। झरिया, सिंदरी, छाताटांड़ और कतरास अंचलों को मिलाकर ऐसे मकानों की संख्या एक लाख से अधिक होने की संभावना है। ऐसे निर्माणों की सूची निगम तैयार कर रहा है। निगम के राजस्व शाखा के अनुसार अवैध निर्माण की वजह से करोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही है। नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 426 में बिना स्वीकृत नक्शे के बने मकानोंं और अपार्टमेंट को अवैध माना गया है।