धनबाद राज्य में सबसे ज्यादा प्रदूषित, खनन क्षेत्र व स्मार्ट सिटी की ग्रीन हेजिंग करने का निर्देश
धनबाद को झारखंड का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है। यहां की वायु में 2.5 तथा 10 पीएम के कणों की मात्रा मानक से काफी अधिक है। इससे आम जन वायु प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं।
रांची/धनबाद। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धनबाद को झारखंड का सबसे प्रदूषित शहर माना है। देश में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 28 शहर ऐसे हैं, जिनका पीएम10 का मानक 90 चिह्नित किया गया है। उसमें धनबाद का पीएम10 मानक 238 प्रतिवेदित है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने धनबाद के पर्यावरण को सुधारने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है।
राज्य के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने धनबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण पर कहा कि वहां की वायु में 2.5 तथा 10 पीएम के कणों की मात्रा मानक से काफी अधिक है। इससे आम जन वायु प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न आवासीय क्षेत्रों/कॉलोनी तथा प्रदूषित क्षेत्र जैसे खनन कार्य क्षेत्र, निर्माण कार्य क्षेत्र, बड़ी सड़कों के यातायात के क्षेत्र आदि के मध्य ग्रीनवॉल बनाकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की संचालन समिति की बैठक में बोल रहे थे।
प्रदूषण स्तर जानने के लिए लगेगा इंडिकेटर मशीन
मुख्य सचिव ने इस राशि का उपयोग धनबाद में खनन क्षेत्र और आबादी के बीच ग्रीन हेजिंग से करने का निर्देश दिया। वहीं इस राशि से सड़क किनारे खाली जमीन पर वाहनों के जाने से घूल उड़ने की समस्या को दूर करने के लिए उस खाली जमीन पर पेवर ब्लॉक बनाने, पौधरोपण करने और नगर निगम को मैकेनिकल स्वीपर उपलब्ध कराने को कहा। इसके तहत धनबाद के कतिपय स्थानों पर प्रदूषण स्तर जानने के लिए इंडिकेटर मशीन लगाने पर भी उन्होंने सहमति जतायी।
वन विभाग अपनी नर्सरी को और विकसित करे
मुख्य सचिव ने समय की मांग के अनुसार वन विभाग को अपनी नर्सरी को और उन्नत और विकसित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नर्सरी में 10 फीट से ऊंचे ऐसे पौधे विकसित करें, जिसका रोपण कहीं भी आसानी से हो सके। ऐसे पौधे कई जगह उगाए जा रहे हैं। बड़े पौधे होने से जानवरों के खाने का खतरा भी नहीं होता तथा कम देखभाल की भी जरूरत पड़ेगी। नर्सरी के इन विकसित पौधों का अच्छा व्यावसायिक उपयोग भी हो सकता है।