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फिल्म Gangs of wasseypur से बिगड़ा धनबाद का परसेप्शन, IIT-ISM निदेशक ने बताई असलियत Dhanbad News

फिल्म जैसी धनबाद की ओरिजनल छवि नहीं है। धनबाद की पहचान IIT-ISM और कोयला से है न कि wasseypur से।

By mritunjayEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 01:01 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 01:01 PM (IST)
फिल्म Gangs of wasseypur से बिगड़ा धनबाद का परसेप्शन, IIT-ISM निदेशक ने बताई असलियत Dhanbad News
फिल्म Gangs of wasseypur से बिगड़ा धनबाद का परसेप्शन, IIT-ISM निदेशक ने बताई असलियत Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। साल 2012 में निर्देशक अनुराग कश्यप ने फिल्म Gangs of wasseypur बनाई। वासेपुर में गैंगवार की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ने पूरे धनबाद के परसेप्शन को खराब करने का काम किया। जो कभी धनबाद आया नहीं और धनबाद को जाना नहीं उसके जेहन में फिल्म Gangs of wasseypur को देखकर एक भयानक छवि बनती है। इस फिल्म को हिट बनाने के लिए असलियत से बहुत ज्यादा काल्पनिक घटनाएं घुसेड़ दी गई। आइआइटी-आइएसएम धनबाद में एडमिशन लेकर बीटेक की पढ़ाई करने पहुंचे बहुत से छात्रों के मन में फिल्म Gangs of wasseypur से ही धनबाद की छवि थी। इसे बदलने के लिए IIT-ISM के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने छात्रों को धनबाद की असलियत बताई है। उन्होंने कहा है कि फिल्म जैसी धनबाद की ओरिजनल छवि नहीं है। धनबाद की पहचान IIT-ISM और कोयला से है न कि wasseypur से।

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बीटेक में दाखिला ले चुके नए छात्रों के लिए पेनमेन हॉल में ओरिएनटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस माैके पर कई छात्रों ने wasseypur को लेकर सवाल किए तो निदेशक ने असलियत बताई। साथ ही उन्होंने आइआइटी आइएसएम के छात्रों को मैथन डैम और भर्टिंडा फॉल नहीं जाने की सलाह दी। कहा-जिले के कुछ स्थल संस्थान की ओर से पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। क्योंकि छात्र डैम में स्नान करने के लिए उतरते हैं। कई बार अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं। प्रो. शेखर ने आइआइटी आइएसएम के गौरवमयी इतिहास से छात्रों को परिचित कराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि छात्र अनुशासन का पालन करें। अभी आपलोगों की उम्र काफी कम है आप बेहतर नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास करें ताकि खुद के साथ संस्थान का नाम भी रौशन हो। इस दौरान उप निदेशक, सभी डीन ने भी छात्रों को संबोधित किया। छात्रों को डोक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। वहीं दो घंटे छात्रों को संस्थान के महत्वपूर्ण व कोर विषय की कक्षाओं व प्रयोगशालाओं का भ्रमण कराया गया। वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

29 जुलाई तक नए छात्रों का हेप्पी टाइमः आइआइटी आइएसएम में बीटेक के नए सत्र में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राएं शुरूआती दिनों में पढ़ाई के तनाव से दूर रहेंगे। नामांकन लेने के साथ ही उनका हेप्पी टाइम शुरू हो गया। परंपरागत कार्यक्रम परिचय सत्र व अन्य कार्यक्रमों से हटकर इस बार कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम 29 जुलाई तक पेनमेन हॉल में चलेगा। छात्रों के अभिभावक भी इस हेप्पी टाइम को देख सकें इसके लिए लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था की गई है। 25-25 प्रोफेसर का एक गु्रप बनाय गया है जो बतौर मेंटर छात्रों का काउंसिलिंग करेंगे। केवल इतना ही नहीं पीएचडी व रिसर्च स्कॉलर छात्रों को भी मेंटर के रूप में नियुक्ति किया गया है। इन पांच दिनों में आइएसएम के नियम कानून की जानकारी, योगा, खेलकुद, स्पेश मैनेजमेंट, हेल्थ के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। ये सभी कार्यक्रम नए छात्रों द्वारा किया जाएगा। संस्थान का पूरा फोकस इसपर है कि छात्रों पर किसी तरह का दबाव नहीं पड़े और वे नए उत्साह के साथ पढ़ाई करें। 

रैगिंग को लेकर स्पेशल विजलेंस टीम सक्रियः आइआइटी आइएसएम में दाखिला ले चुके नए छात्र रैगिंग व अन्य सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष विजलेंस टीम बनाया गया है। इस टीम में चार सुरक्षाकर्मी व एक सुपरवाईजर शामिल है। यह टीम सादे लिबास में तैनात किए गए है। जो छात्रों की गतिविधियों पर नजर रखेगी। इस टीम के सुपरवाईजर सीधे वरीय सुरक्षा अधिकारी राम मनोहर को रिपोर्ट करेंगे। टीम गुरुवार से सक्रिय हो गई है।

दिव्यांग छात्र अब बैट्री टोटो रिक्शा से सवारीः आइआइटी आइएसएम में पढऩे वाले दिव्यांग छात्र अब बैट्री द्वारा संचालित टोटो रिक्शा से सवारी करेंगे। रिक्शा की सवारी मुफ्त होगी। इसके लिए उन्हें किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं देना होगा। गुरूवार से कैंपस में बैट्री रिक्शा का परिचालन शुरू हो गया। प्रबंधन की ओर से शुरू किए गए बैट्री रिक्शा का उपयोग सिर्फ दिव्यांग छात्र ही करेंगे। हास्टॅल से लेकर विभाग तक छात्रों को ले जाने और पहुंचाने का काम करेगी।

एमटेक 375 छात्रों ने लिया दाखिलाः आइआइटी आइएसएम के न्यू लेक्चर हॉल में गुरुवार को एमटेक में नामांकन लिया गया। इस दौरान कुल 375 छात्र दाखिले के लिए पहुंचे थे। इस दौरान छात्रों को विभिन्न प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ा। नामांकन प्रक्रिया के बाद छात्रों को आइकार्ड व हॉस्टल एलॉट किया गया। प्रो. वी कुमार ने बताया कि जितने छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। उनमें से 90 प्रतिशत छात्रों ने दाखिला ले लिया। वहीं दस प्रतिशत सीटें खाली रह गई। 

952 में 906 छात्रों ने लिया दाखिलाः आइआइटी आइएसएम में 952 सीटों पर नामांकन होना था। लेकिन 906 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। 24 जुलाई को 865 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न संकायों में दाखिला लिया था। वहीं कुछ छात्र नामांकन के दौरान उपस्थित नहीं हो सके। उन छात्रों ने बारिश व बाढ़ के कारण नहीं पहुंच पाने का कारण आइएसएम को दर्ज कराया था। जिसके बाद संस्थान ने उन छात्रों का आग्रह स्वीकार करते हुए उन्हें समय भी दिया। उनमें से 41 छात्रों ने गुरुवार को दाखिला लिया। कुछ छात्रों को संस्थान की ओर से शुक्रवार का समय दिया गया है। आइआइटी आइएसएम जेइई के चेयरमेन प्रो. आरके दास ने बताया कि 906 छात्रों का नामांकन हो चुका है। कुछ छात्रों ने शुक्रवार का समय लिया है। उसके बाद ही सीटों की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। नामांकन के लिए स्टूडेंट एक्टीविटी सेंटर में व्यवस्था की गयी है जबकि अवतल में अभिभावकों के बैठने का इंतजाम है। प्रथम तल में मेडिकल बोर्ड के सदस्य छात्र-छात्राओं की जांच कर रहे थे। नामांकन के बाद छात्रों को जेस्पर और छात्राओं को रूबी हॉस्टल भेजा गया। वहीं करीब 22 छात्रों को एसबीआई की ओर से शिक्षा ऋण का आवेदन स्वीकृत किया गया जबकि 41 छात्रों का खाता खोला गया। 


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