बटन दबाते ही नेत्रहीनों को रास्ता बताएगी मंजिल तक ले जाएगी स्मार्ट छड़ी
नेत्रहीनों के लिए अच्छी खबर। उन्हें अपनी मंजिल ढूंढऩे के लिए अब ज्यादा परेशानी नहीं उठानी होगी। बस बटन दबाना होगा और उनके हाथ की छड़ी खुद-ब-खुद रास्ता बनाना शुरू कर देगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: नेत्रहीनों के लिए अच्छी खबर। उन्हें अपनी मंजिल ढूंढऩे के लिए अब ज्यादा परेशानी नहीं उठानी होगी। बस बटन दबाना होगा और उनके हाथ की छड़ी खुद-ब-खुद रास्ता बनाना शुरू कर देगी। आइआइटी छात्रों ने नेत्रहीनों की सुविधा के लिए 36 घंटे तक खुद को कमरे में बंद कर स्मार्ट ब्लाइंड मैन स्टिक विकसित की है। उनके इस अनोखे और समाज उपयोगी खोज ने उन्हें हेकफेस्ट-2019 का विजेता भी बना दिया।
ऐसे काम करेगी छड़ी: स्मार्ट ब्लाइंड मैन स्टिक का नाम बी-केन दिया गया है। छड़ी में लगे बटन को दबाते ही उसमें लगा कैमरा माड्यूल रियल टाइम वीडियो रिकॉर्ड करेगा और नेत्रहीनों को आसपास की जानकारी देगा। छड़ी के साथ स्पीकर या हेडफोन लगाना होगा, जो आसपास की स्थिति से अवगत कराएगा।
ये थे टीम में शामिल: सुयाश श्रीवास्तव, स्वपनील नारायण, सम्यक तांतेड, माधव साह और गौरव।
दोपहिया से होनेवाले हादसे को कम करेगा सेल्फ बैलेंसिंग सिस्टम: आइआइटी छात्रों ने दोपहिया से होनेवाले सड़क हादसों की रोकथाम के लिए सेल्फ बैलेंसिंग सिस्टम विकसित किया है। इस तकनीक से दोपहिया चालक को हादसे से रोका जा सकेगा। दरअसल, कई बार देखा जा सकता है कि दोपहिया चालक ने संतुलन खो दिया और बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस तकनीक से बाइक के संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस टेक्नोलॉजी की खोज जिन आइआइटी छात्रों ने की, उनकी टीम का नाम था कुछ भी रख लो। इस तकनीक के लिए उन्हें टॉप-3 में तीसरे पायदान पर जगह मिली।
ये थे टीम में शामिल: मयंक गुप्ता, सार्थक पांडा, प्रेरक रावत, शुभम और अखिल वैद्य।
36 घंटे बाद बंद कमरे से निकले आइआइटी की टॉप-3 टीमों पर बरसे पुरस्कार: आइआइटी में आयोजित हेकफेस्ट का रविवार की देर शाम समापन हो गया। निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने तीन टॉप-3 टीमों को पुरस्कृत किया। इनमें पहले नंबर पर पहुंची टीम इनिग्मा रिबूटेड को 15 हजार, दूसरी टीम वेक्टर को 10 हजार और तीसरे पायदान पर पहुंची टीम कुछ भी रख लो को पांच हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया।
हर साल की तरह इस साल भी आइआइटी आइएसएम के पेनमेन हॉल में हेकफेस्ट-2019 का आयोजन हुआ था। इस आयोजन के तहत छात्रों की अलग-अलग टीमें 36 घंटे के लिए हॉल में चली गई थी जहां इनोवेटिव आइडिया पर मंथन कर रहे थे। रविवार की शाम 36 घंटे बाद सभी टीमों ने प्रोजेक्ट पूरा कर उसे प्रदर्शित किया।
इन टॉप-10 टीमों का चयन
इनिग्मा रिबूटेड
वेक्टर
कुछ भी रख लो
बिग नो नो
द डिफॉल्टिंग
सेमिकलर
प्लाज्मा स्टूडियोज
हग्स फॉर बग्स
एंड वी कोड
आइनियो बीआइटी मेसरा
खास बातें:
- हेकफेस्ट - 2019 में 45 टीमें हुई शामिल
- इनमें 36 आइआइटी और 9 अन्य तकनीकी संस्थानों से थीं।
- 200 से अधिक छात्र छात्राओं ने तलाशे इनोवेटिव आइडिया।