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जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आरटीआइ का किया उल्लंघन किया, प्राथमिकी की मांग

अरविंद सिन्हा का कहना है कि डीईओ ने आरटीआइ एक्ट का उल्लंघन किया है और इसका मजाक बनाने की कोशिश की है। उन्होंने अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन किया है। इस संबंध में आरटीआइ कार्यकर्ता ने धनबाद उपायुक्त को पत्र लिखकर डीईओ पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 08 Feb 2022 09:45 AM (IST)Updated: Tue, 08 Feb 2022 09:45 AM (IST)
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आरटीआइ का किया उल्लंघन किया, प्राथमिकी की मांग
धनबाद जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ शिकायत।

जागरण संवाददाता, धनबाद। जनसभा के जिला प्रतिनिधि सह आरटीआइ कार्यकर्ता अरविंद सिन्हा ने कतरास के राजेंद्र कन्या मध्य विद्यालय से सूचना का अधिकार कानून के तहत कुछ सूचनाओं की जानकारी मांगी थी। इसे देने में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी निचितपुर एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी धनबाद ने आनाकानी की। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने आवेदन लेने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि वो जनसूचना अधिकारी नहीं हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी धनबाद ने भी खुद को जनसूचना पदाधिकारी मानने से इन्कार करते हुए आवेदन वापस लौटा दिया। डीईओ की ओर से जारी पत्र में उन्होंने स्वयं को जनसूचना अधिकारी माना है।। सूचना का अधिकार में भी यह प्रावधान है कि संबंधित सूचना यदि अधिकारी के विभाग से संबंधित नहीं है तो वह इसे स्वयं सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(3) का संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के जनसूचना अधिकारी को आवेदन प्रेषित करते हुए आवेदक को सूचित करें।

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अरविंद सिन्हा का कहना है कि डीईओ ने आरटीआइ एक्ट का उल्लंघन किया है और इसका मजाक बनाने की कोशिश की है। उन्होंने अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन किया है। इस संबंध में आरटीआइ कार्यकर्ता ने धनबाद उपायुक्त को पत्र लिखकर डीईओ पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की। उपायुक्त कार्यालय के सामान्य शाखा विभाग ने जिला शिक्षा अधीक्षक को आवेदक अरविंद सिन्हा को सूचना उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत किया है। आरटीआइ कार्यकर्ता ने एमडीएम, कोरोना काल में शिक्षकों की उपस्थिति, स्कूल किट और स्कूल ड्रेस की खरीददारी से संबंधित ब्योरा, सरस्वती वाहिनी संचालन समिति एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों का चयन प्रक्रिया एवं विभिन्न मदों से स्कूल को प्राप्त राशि के खर्च का ब्योरा आदिवासी संबंधित सूचनाओं की मांग की है। इसे देने में विभाग आनाकानी कर रहा है।


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