Conversion: धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार कानून को ठेंगा दिखा किया गया धर्मांतरण, डीसी ने गृह विभाग को भेजी रिपोर्ट
Conversion in belgaria गृह सचिव एल ख्यांगते ने जिला प्रशासन से जांच रिपोर्ट तलब की थी। उपायुक्त अमित कुमार ने एडीएम अनिल कुमार और सिटी एसपी आर राम कुमार से जांच कराई।
धनबाद, जेएनएन। बेलगढिय़ा की झरिया विहार पुनर्वास कॉलोनी में धर्म परिवर्तन (Conversion in belgaria) के मसले पर बुधवार को धनबाद जिला प्रशासन ने सरकार को रिपोर्ट भेज दी। इसमें कहा गया कि बेलगढिय़ा में धर्मांतरण का कानून तोड़ा गया है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार अधिनियम- 2017 के लागू होने के बाद धर्म परिवर्तन करने और कराने वालों ने इसके लिए प्रशासन से पूर्वानुमति नहीं ली। इस मसले पर इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी से गहन जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया कि धर्म प्रचारक काइना पंसल एवं सुशांत प्रधान लंबे समय से बेलगढिय़ा टाउनशिप में रह रहे थे। दोनों ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे।
गृह सचिव एल ख्यांगते ने धनबाद जिला प्रशासन से मांगी थी रिपोर्ट
बता दें कि दैनिक जागरण ने 22 जून को इसका पर्दाफाश किया था। धर्म परिवर्तन का खुलासा और फिर वहां बवाल होने के बाद गृह सचिव एल ख्यांगते ने जिला प्रशासन से जांच रिपोर्ट तलब की थी। उपायुक्त अमित कुमार ने एडीएम अनिल कुमार और सिटी एसपी आर राम कुमार से जांच कराई। रिपोर्ट मिलने के बाद डीसी और एसएसपी अखिलेश वी वारियर ने बुधवार की रात इसे गृह विभाग को भेज दिया। इसमें कहा गया कि बेलगढिय़ा में 22 लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है। सभी प्रोटेस्टेंट ईसाई बने हैं। इनमें आधा दर्जन से अधिक ऐसे लोग हैं जिन्होंने डेढ़ साल पहले धर्म बदला। उन सभी लोगों से पूछताछ की गई। उन्होंने प्रलोभन देने की बात से इन्कार किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि यह साफ नहीं हो सका है कि किस धार्मिक संस्था ने धर्म परिवर्तन कराया।
रिपोर्ट में यह सब
- बेलगढिय़ा में कुल 22 लोग ईसाई धर्म मानने वाले पाए गए
- कुछ लोग ऐसे हैं जो दो-तीन पीढ़ी पहले धर्म बदल लिए थे
- कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने चार से पांच साल पहले धर्म बदला
- सात-आठ लोगों ने डेढ़ साल पहले धर्म परिवर्तन किया है
यह सब कार्रवाई
- घर एवं स्कूल बनाने के नाम पर जमीन लेकर चर्च बनाने की शिकायत पर जमीन मालिक मनोहर महाली की शिकायत पर सुरेंद्र प्रधान के खिलाफ बलियापुर थाना में केस किया गया।
- धर्मांतरण की बात जानने के बाद गुस्साए लोगों के समूह ने धर्म प्रचारक सुशांत प्रधान व काइना पंसल को पीटा था। उनकी शिकायत पर भी अज्ञात लोगों पर मुकदमा किया गया।
- धर्मांतरण के मसले पर सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो समेत कई लोगों ने आंदोलन किया था। यह लॉकडाउन का उल्लंघन था। महामारी अधिनियम के तहत केस हुआ।
- लॉकडाउन में निषेधाज्ञा लागू थी। बवाल के दौरान निषेधाज्ञा तोड़ी गई। इस कारण अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में केस।
बीसीसीएल की निकली चर्च की विवादित जमीन
बेलगढिय़ा में जिस विवादित जमीन पर चर्च का निर्माण किया गया, उसकी प्रशासन ने जांच करा ली है। वह जमीन बीसीसीएल की है। बीसीसीएल के लिए उसका अधिग्र्रहण हो चुका है। सरकारी दस्तावेज में अभी तक नामांतरण नहीं हुआ है। धर्मांतरण के मसले की जांच कर रहे अपर जिला दंडाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि बलियापुर अंचलाधिकारी को जमीन की प्रकृति की जांच करने को कहा गया था। उनकी रिपोर्ट मिल चुकी है। उसके मुताबिक बीसीसीएल ने जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। नामांतरण नहीं कराए जाने की वजह से ऑनलाइन रिकॉर्ड में जमीन रैयत के नाम पर दिख रही है। जल्द ही सरकारी रिकॉर्ड में भी जमीन बीसीसीएल के नाम होगी। यह भी कहा कि विवादित जमीन पर निषेधाज्ञा लागू रहेगी। हालात सामान्य होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। नियमानुसार अधिग्र्रहण के बाद जमीन को कब्जा मुक्त कर दिया जाना है। सब कुछ विधि सम्मत होगा।