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    कोयला कंपनियों व रैयत के बीच जमीन विवाद जल्द होंगे समाप्त

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 24 Aug 2021 10:35 PM (IST)

    जागरण संवाददाता धनबाद जिले में काम कर रही खनन कंपनियों और स्थानीय रैयतों के बीच दशकों से जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद के हल होने की उम्मीद एक बार फिर से जग गई है। इसको लेकर उपायुक्त संदीप सिंह ने मंगलवार को बीसीसीएल सीसीएल और अन्य खनन कंपनियों के अधिकारियों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक की।

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    कोयला कंपनियों व रैयत के बीच जमीन विवाद जल्द होंगे समाप्त

    जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले में काम कर रही खनन कंपनियों और स्थानीय रैयतों के बीच दशकों से जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद के हल होने की उम्मीद एक बार फिर से जग गई है। इसको लेकर उपायुक्त संदीप सिंह ने मंगलवार को बीसीसीएल, सीसीएल और अन्य खनन कंपनियों के अधिकारियों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक की। जिसमें सभी खनन कंपनियों से उनके स्वामित्व वाली जमीनों का विस्तृत ब्योरा मांगा गया है। इसकी सूची तैयार करने के बाद उसे उपायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया है। उपायुक्त ने कहा कि पिछले कई जनता दरबार के अलावा डाक से भी खनन कंपनियों के विरुद्ध जमीन हड़पने की सैकड़ों शिकायतें मिल रही हैं। जिसके बाद जमीन मामलों से जुड़े अपर समाहर्ता सहित तमाम पदाधिकारियों संग बैठक की गई थी। इसमें इन मामलों को सुलझाने के उपाय पर भी राय विचार किया गया। बाद में हमने खनन कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके स्वामित्ववाली जमीन का ब्योरा जुटाने का निर्णय किया। ताकि हमें उनकी और रैयतों के जमीन की वास्तविक स्थिति का पता चल सके। इसी के आलोक में मंगलवार को यह बैठक बुलाई गई थी। जिसमें पिछले दस सालों से खनन कंपनियों के अधिकारियों से उनके अलाट की गई जमीन की रिपोर्ट तो मांगी ही गई है। साथ ही, उनके कब्जे वाली रैयती और गैरमजरूआ जमीन के साथ अन्य प्रकार के जमीनों का भी ब्योरा मांगा गया है। सिंह ने कहा कि खनन कंपनियों के अधिकारी जमीन का ब्योरा जुटाने के बाद इसका मिलान संबंधित सीओ से मिलकर उनके पास मौजूद सरकारी अभिलेखों से भी करेंगे। फिर उसकी सूची बना कर उपायुक्त कार्यालय को दस दिनों के भीतर सौपेंगे। एकबार इस सूची के मिल जाने पर किसी भी तरह की शिकायत आने पर जमीन का ब्योरा इससे मिलान किया जाएगा। जिससे विवाद सुलझाने में बहुत आसानी होगी।

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