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योग शिविर में आधा घंटा देर से पहुंचे उपायुक्त, कहा- यह बड़ी बात नहीं Dhanbad News

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आइआइटी आइएसएम ने अपने लोअर ग्राउंड में कार्यक्रम आयोजित किया था। जिला प्रशासन ने भी इसे ही अपना प्रमुख कार्यक्रम घोषित कर रखा था।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 02:18 PM (IST)
योग शिविर में आधा घंटा देर से पहुंचे उपायुक्त, कहा- यह बड़ी बात नहीं Dhanbad News
योग शिविर में आधा घंटा देर से पहुंचे उपायुक्त, कहा- यह बड़ी बात नहीं Dhanbad News

रोहित कर्ण, धनबाद: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आइआइटी आइएसएम ने अपने लोअर ग्राउंड में कार्यक्रम आयोजित किया था। जिला प्रशासन ने भी इसे ही अपना प्रमुख कार्यक्रम घोषित कर रखा था। बावजूद इसके योगाभ्यास करने सबसे विलंब से उपायुक्त ए दोड्डे ही पहुंचे। वे 6:30 बजे के बाद आइएसएम लोअर ग्राउंड पहुंचे। दूसरी ओर कार्यक्रम समाप्ति के बाद सबसे पहले निकलने वालों में वही थे। योग शिविर की शुरुआत तय समय से सुबह छह बजे ही हो गई थी। आइआइटी आइएसएम के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के अध्यक्ष धनुषधारी मिश्र, निदेशक राजीव शेखर समेत तमाम पदाधिकारी, एनसीसी के छात्र, यहां तक कि उपविकास आयुक्त शशि रंजन व शहर के अन्य प्रमुख लोग भी तय समय पर योग शिविर में पहुंचे थे।

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उनके विलंब से पहुंचने की खबर जब सुर्खियां बनने लगी तो उन्होंने सफाई दी कि वे तो सही समय पर पहुंचे, लेकिन कार्यक्रम ही पहले शुरू कर दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि यह बड़ी बात नहीं है। उन्होंने पहले कार्यक्रम शुरू करने का ठीकरा स्वास्थ्य विभाग जिसे कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई थी और आइएसएम प्रबंधन पर फोड़ा।

प्रेस कांफ्रेंस में खुद ही बताया था छह बजे का समय: योग दिवस से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को उपायुक्त ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें सिविल सर्जन भी मौजूद थे। उपायुक्त ने यहां भी कार्यक्रम का समय सुबह छह बजे ही बताया था। योग दिवस के मंच पर जो बैनर लगा हुआ था उसमें भी समय सुबह छह बजे ही लिखा हुआ था।

छह बजे का ही मिला था समय: आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा किजिला प्रशासन से जो टाइम शेड्यूल मिला था, वह सुबह छह बजे का ही था। इसी के अनुसार हमने सुबह छह बजे सभी को आमंत्रित किया और तय समय पर कार्यक्रम शुरू कर दिया।

आइआइटी आइएसएम और स्वास्थ्य विभाग के बीच हुई संवादहीनता: धनबाद उपायुक्‍त आंजनेयुलु दोड्डे का कहना था कि योग शुरू होने का आधिकारिक समय 6:30 बजे ही था। आइआइटी आइएसएम और स्वास्थ्य विभाग के बीच संवादहीनता की वजह से कार्यक्रम पहले ही शुरू कर दिया गया। इसे बड़ी खबर न बनाएं।

जिला प्रशासन ने अपने स्तर से नहीं किया आयोजन: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा अपने स्तर से कार्यक्रम आयोजित नहीं करना चर्चा का विषय रहा। ऐसा तब हुआ जबकि राज्य की राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उपस्थित थे। जिला प्रशासन के पास गोल्फ ग्राउंड जैसा विशाल मैदान है जो शुक्रवार को खाली रहा। यहां कार्यक्रम करने के बजाए आइएसएम के कार्यक्रम में ही सांसद-विधायकों, एनसीसी के कैडेट्स व जन सामान्य को आमंत्रित कर प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया। प्रखंड स्तर के अधिकारियों को जरूर अपने स्तर से कार्यक्रम आयोजित करने का फरमान सुनाया गया। निपटाने के अंदाज में आयोजित कार्यक्रम की वजह से ही अधिकांश अधिकारी भी योग शिविर से दूर ही रहे।

योगाभ्यास करनेवालों के बीच आइआइटी ने बंटवाई फ्रूटी: योगाभ्यास करने आइआइटी आइएसएम के ग्राउंड पहुंचे लोगों के बीच फ्रूटी का पैकेट बांटा गया। आइआइटी आइएसएम प्रबंधन ने सभी के लिए शुरू में पानी का बोतल और कार्यक्रम समाप्ति के बाद फ्रूटी की व्यवस्था की थी।

प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत: योग दिवस पर आइआइटी आइएसएम पिछले कई दिनों से प्रतियोगिताओं का आयोजन करवा रहा था। इनके विजयी प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार का वितरण भी करवाया गया। कार्यक्रम समाप्ति के बाद निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने वाद-विवाद, चित्रांकण, भाषण प्रतियोगिता व बेहतर योगासन करने वाले छात्रों, शिक्षकों व उनके बच्चों के बीच पुरस्कार का वितरण किया। 

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