Move to Jagran APP

सरकार बेसुध, सूख गया डेयरी का दूध

श्रवण कुमार, धनबाद भूदा स्थित धनबाद मेधा डेयरी अपनी बदहाली का आंसू बहाने को मजबूर है

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 06:06 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 06:06 AM (IST)
सरकार बेसुध, सूख गया डेयरी का दूध
सरकार बेसुध, सूख गया डेयरी का दूध

श्रवण कुमार, धनबाद

loksabha election banner

भूदा स्थित धनबाद मेधा डेयरी अपनी बदहाली का आंसू बहाने को मजबूर है। दस साल पहले यूपीए के शासन काल में शुरु हुई मेधा डेयरी की खराब स्थिति मौजूदा सरकार में भी नहीं सुधर सकी। पांच सालों से डेयरी बंद पड़ी है। इस साल गर्मी में पशुपालन मंत्री रणधीर सिंह ने रांची के तर्ज पर धनबाद डेयरी को फिर से बस एक-दो महीने में चालू कर क्षमता बढ़ाने की घोषणा की थी। मगर चालू होना तो दूर इसे अभी तक टेकओवर तक नहीं लिया गया है।

दस साल पहले खुली थी धनबाद डेयरी

दस साल पहले भूदा में धनबाद डेयरी खुली थी। तत्कालीन सांसद चंद्रशेखर दुबे व तत्कालीन उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने 5 अक्टूबर 2010 को धनबाद डेयरी का उद्घाटन किया था। उस वक्त इसकी क्षमता 5 हजार लीटर दूध प्रोसेसिंग की थी। हालांकि कभी भी प्लांट उस लक्ष्य को छू नहीं पाया। बमुश्किल से 1400 से 1500 लीटर की आपूर्ति हो पाई। लगातार घाटे के कारण पांच साल पहले से बंद कर दिया गया।

अभी सिर्फ दूध ठंडा कर रांची भेजा जा रहा :

धनबाद डेयरी का कार्य दूध स्टोर कर रांची भेजने भर रह गया है। डेयरी के कोल्ड स्टोरेज में दूध को ठंडा कर रखा जाता है। दुग्ध उत्पादकों के पास प्रतिदिन 200 लीटर दूध संग्रह कर कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। पांच दिन पर एक बार में यहां से एक हजार लीटर दूध रांची स्थित मेधा डेयरी भेजा जाता है।

क्षमता तो नहीं बढ़ी, भवन जरुर बन गया

सरकार ने धनबाद डेयरी की उत्पादन क्षमता 20 हजार लीटर बढ़ाने का निर्णय लिया था। दूध उत्पादन क्षमता तो नहीं बढ़ी भवन जरुर बनकर तैयार हो गया। पांच साल पहले दो अक्टूबर 2013 को तत्कालीन पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक ने धनबाद डेयरी की उत्पादन क्षमता 20 हजार लीटर करने के लिए भवन का शिलान्यास किया था। जिसके बाद लाखों की लागत से भवन बनाकर खड़ा कर दिया गया पर डेयरी की क्षमता नहीं बढ़ी।

दूध पैकेजिंग व अन्य मशीनें हो रहीं खराब

दस साल पहले धनबाद डेयरी में दूध पैकेजिंग, कोल्ड स्टोर, दूध जांचने आदि की मशीन लगाई थी जो रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे खराब हो रही है। दूध पैकेजिंग की मशीन पांच साल से बंद पड़ी है। पैकेजिंग मशीन में पांच साल पुराने प्लास्टिक लगे हुए हैं। दूध जांचने की मशीन भी काम नहीं कर रही है।

धनबाद में रोजाना डेढ़ लाख लीटर दूध की खपत

धनबाद में प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख लीटर दूध की खपत है। सुधा डेयरी का प्रतिदिन 40 हजार लीटर दूध निकलता है। वहीं अमूल, मेधा सहित मस्ती दूध 25 से 30 हजार लीटर बिकता है। वहीं गाय व भैंस से 70 हजार लीटर दूध की बिक्री होती है।

-----------------

वर्जन

धनबाद डेयरी को चालू कराना प्राथमिकता है। सरकार स्तर पर डेयरी को चालू करने का कार्य प्रगति में हैं। यह जल्द चालू होगी जिसे यहां के दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा।

-राज सिन्हा, विधायक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.