जागो ग्राहक जागो! धनबाद उपभोक्ता फोरम में 347 केस पेंडिंग; अक्टूबर 2018 में रिटायर हुए अध्यक्ष, अभी तक नहीं हुई नियुक्ति Dhanbad News
31 अक्टूबर 2018 को जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह रिटायर हुए थे। उनके साथ महिला सदस्य पुष्पा भी सेवानिवृत्त हुई थी। एक सदस्य नरेश प्रसाद भी अप्रैल 2020 में रिटायर होंगे।
By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:07 PM (IST)
धनबाद, [आशीष सिंह]। उपभोक्ताओं को जागरुक करने के लिए जागो ग्राहक जागो नामक विज्ञापन आपने जरूर देखा और सुना होगा। अगर आपको भी लगता है कि एक उपभोक्ता के तौर पर सामान की खरीदारी पर आपके साथ कोई धोखाधड़ी या चीटिंग हुई है, तो उसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम में दर्ज करा सकते हैं। हालांकि, जिला उपभोक्ता फोरम में ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है। किसी कंपनी ने खराब मोबाइल दे दिया है, इंश्योरेंस कंपनी ने मुआवजा देने से मना कर दिया है या फिर किसी होटल ने घटिया खाना परोस कर आपका पेट खराब कर दिया है तो आपको इन जैसों पर कार्रवाई कराने के लिए लंबा इंतजार करना होगा।
दरअसल, जिला उपभोक्ता फोरम में इस समय 347 केस पेंडिंग हैं। ये केस दो-तीन महीने से नहीं बल्कि पिछले डेढ़ साल से पेंडिंग है। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसका कारण जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह का रिटायर होना और पिछले डेढ़ वर्षों से इस पद पर किसी की बहाली न होना है। सिर्फ अध्यक्ष ही नहीं बल्कि महिला सदस्य पुष्पा सिंह भी नित्यानंद सिंह के साथ 31 अक्टूबर 2018 में रिटायर हो चुकी हैं। एकमात्र बचे पुरुष सदस्य नरेश प्रसाद भी अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस तरह देखा जाए तो जिला उपभोक्ता फोरम पूरी तरह से खाली हो जाएगा और सिर्फ कनीय कर्मचारी ही रह जाएंगे।
उपभोक्ता फोरम में पेंडिंग केसों की स्थिति
- केस के प्रकार पेंडिंग
- कंज्यूमर कम्प्लेंट (सीसी) 177
- एग्जीक्यूशन (निष्पादन) 157
- रिमांड 02
- कुल 347
जल्द ही मिलेगा जिला उपभोक्ता फोरम को अध्यक्ष : उपभोक्ता फोरम नरेश प्रसाद ने कहा कि जिला अध्यक्ष पद के चयन के लिए आवेदन आ चुका है। स्क्रूटनी भी की जा चुकी है। बीच में आचार संहिता लगने की वजह से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। अब उम्मीद है कि जल्द ही जिला उपभोक्ता फोरम को अध्यक्ष मिल जाए। एक महिला सदस्य की भी बहाली होनी है। मेरा भी कार्यकाल अप्रैल २०२० तक ही है। काफी केस पेंडिंग हैं, अध्यक्ष के बिना पेंडिंग केसों की संख्या बढ़ती जा रही है।
केस स्टडी - 01 : कुमारी बंदना बनाम इंडसइंड बैंक
- मामला : चार अप्रैल 2019 में बैंक के खिलाफ केस किया। नियमित कार लोन का ईएमआइ जमा करने के दरम्यान अगस्त-सितंबर 2016 में पारिवारिक कारणों से ईएमआइ नहीं दे सकी। ईएमआइ ब्रेक होने के कारण1250 रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया। बावजूद सात नवंबर 2016 को बंदना को लीगल नोटिस मिल गया। इससे पता चला कि बंदना के लोन अकाउंट में गलत गाड़ी का विवरण अंकित कर दिया गया है। बैंक ने सुधार करने का आश्वासन दिया, लेकिन हुआ नहीं। इस आधार पर मानसिक प्रताडना के लिए दो लाख और सामाजिक क्षति पर पांच लाख का केस उपभोक्ता फोरम में किया।
- स्थिति : केस पेंडिंग
केस स्टडी - 02 : मनीष सिंह बनाम सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड
- मामला : 30 सितंबर 2019 में सैमसंग इंडिया एवं बरटांड़ स्थित प्रोपराइटर के खिलाफ केस फाइल किया। 28,900 रुपये का मोबाइल सेट खरीदा। खरीदने के साथ ही मोबाइल में स्टार्टिंग समस्या थी। जहां से मोबाइल लिया था वहां शिकायत की। यहां से मनीष को सर्विस सेंटर जाने की सलाह मिली। सर्विस सेंटर में भी समस्या जस की तस बनी रही। इस पर मनीष ने सैमसंग इंडिया में शिकायत की कि या तो उन्हें नया मोबाइल दिया जाए या फिर क्षतिपूर्ति के साथ पैसा वापस किया जाए, लेकिन कंपनी से कोई जवाब नहीं मिला।
- स्थिति : केस पेंडिंग
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