आखिर कब होगी BCCL के जर्जर आवासों की मरम्मत, आए दिन गिरते रहते छतों के प्लास्टर
ब्लॉक नंबर 18 में रहने वाली बीसीसीएल कर्मी रुकमणी देवी के घर के किचन रूम के छज्जा का प्लास्टर अचानक गिर गया। रुकमणी और घर के लोग बाल-बाल बच गए। भुक्तभोगी ने इसकी शिकायत प्रबंधन से की है।
गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया: बीसीसीएल के कोलियरी क्षेत्रों में मजदूरों के लिए दशकों पूर्व बनाए गए मजदूर आवासों की हालत काफी जर्जर हो गई है। देखरेख के अभाव में आवासों की छत के प्लास्टर और छज्जा आए दिन गिरते रहते रहते हैं। कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। बावजूद इन घरों में मजदूर जान हथेली पर रखकर रहने को मजबूर हैं। बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से आवासों की मरम्मत के लिए कोई विशेष पहल नहीं की जा रही है। इससे मजदूरों में काफी आक्रोश है। लोदना क्षेत्र के एमओसीपी इलाके में प्रबंधन की ओर से दशकों पूर्व मॉडल कॉलोनी के रूप में सैकड़ों घर बनाए गए थे। इनकी हालत इन दिनों जर्जर हो गई है।
ब्लॉक नंबर 18 में रहने वाली बीसीसीएल कर्मी रुकमणी देवी के घर के किचन रूम के छज्जा का प्लास्टर अचानक गिर गया। रुकमणी और घर के लोग बाल-बाल बच गए। भुक्तभोगी ने इसकी शिकायत प्रबंधन से की है। इसके पहले भी कॉलोनी में प्लास्टर गिरने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। बावजूद इसके प्रबंधन गंभीर नहीं है। वहीं कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रबंधन कभी कभार ठेकेदार के माध्यम से जैसे तैसे मरम्मत का कार्य करा कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर लेता है। भुगतना यहां के मजदूरों को पड़ता है। रुकमणी ने कहा कि कई बार घर की मरम्मत के लिए प्रबंधन को आवेदन दिया। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस कारण घटना हुई।
ईजे एरिया भौंरा पूर्वी क्षेत्र के दुर्गा मंदिर व सात नंबर फ्लैट में बीसीसीएल कर्मियों की छत व सिलिंग का प्लास्टर एक माह पूर्व गिरने से मजदूरों में अफरातफरी मच गई थी। दुर्गा मंदिर के पास कोल कर्मी फुलदास बीपी के आवास के एक कमरे की सिलिंग का प्लास्टर रात में टूट कर गिर गया था। संयोग अच्छा था कि घटना के वक्त उस कमरे में परिवार का एक भी सदस्य नहीं था। सात नंबर फ्लैट में पूनम देवी व भोला रजक के घर की सीढ़ी के ऊपर वाले कमरे की छत का प्लास्टर पूरी तरह से धराशायी हो गया। मलबा से वीटीसी कर्मी ऋत्विक कुमार की महंगी बाइक क्षतिग्रस्त हो गई थी। घटना देर रात में होने के कारण जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। अगर दिन में घटना होती तो लोगों की जान भी जा सकती थी। कालोनी के लोगों ने कहा कि आवास मरम्मत के लिए कई बार सिविल विभाग को पत्र दिया गया। लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं की गई।
बीसीसीएल के अधिकांश घरों की हालत है जर्जर
झरिया कोयलांचल में बीसीसीएल के दशकों पूर्व बने घरों की हालत इन दिनों काफी जर्जर हो गई है। हजारों की संख्या में यहां मजदूर रहते हैं। झरिया के लोदना, बागडीगी, जयरामपुर, नार्थ तिसरा, साउथ तिसरा, गोलकडीह, एना-इस्लामपुर, बस्ताकोला, राजापुर, बेरा, दोबारी, घनुडीह, मोहरीबांध, बरारी, पाथरडीह, डिगवाडीह, पाथरडीह, जियलगोरा, भौंरा आदि क्षेत्रों में बीसीसीएल के हजारों आवास बने हैं। सब की हालत लगभग जर्जर हैं। मजदूर वर्षों से यहां जान हथेली पर रखकर रहने को मजबूर हैं। वहीं बीसीसीएल प्रबंधन का कहना है कि जर्जर आवासों के बारे में जानकारी मिलने पर उनकी मरम्मत ठेकेदार से कराई जाती है। मजदूरों का कहना है कि प्रबंधन आवास मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति करता है। पता नहीं बेहतर तरीके से इन जर्जर आवासों की मरम्मत आखिर कब होगी। प्रबंधन गंभीर नहीं हुआ तो इन आवासों में कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।