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जेपी अस्‍पताल में मरीज के मौत के बाद प्रबंधन व स्‍वजनों में तू-तू मैं-मैं, पहुंची पुल‍िस

शहर के सरायढेला थाना क्षेत्र के जेपी अस्‍पताल एंड रिसर्च सेंटर में मंगलवार को मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। वहीं उपस्थित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए।

By Atul SinghEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 04:07 PM (IST)
जेपी अस्‍पताल में मरीज के मौत के बाद प्रबंधन व स्‍वजनों में तू-तू मैं-मैं, पहुंची पुल‍िस
जेपी अस्‍पताल एंड रिसर्च सेंटर में हंगामे की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। (जागरण)
धनबाद, जेएनएन : शहर के सरायढेला थाना क्षेत्र के जेपी अस्‍पताल  एंड रिसर्च सेंटर में मंगलवार को मरीज की मौत के बाद स्‍वजनों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पाकर  पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। वहीं उपस्थित स्‍वजनों  ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए।
 
स्‍वजनों का कहना है कि उन्हें मरीज से मुलाकात करना भी नहीं दिया जाता था। मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को अपने कब्जे में रखा है। जबकि अस्पताल प्रबंधन बकाए बिल की रकम को स्पष्ट नहीं किया है। स्‍वजनों का यह भी कहना है कि कुछ क्लिनिक बगैर उचित व्यवस्था के मरीजों का इलाज करना अपना पेशा बना रखा है। ऐसे क्लिनिकोंं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
 
वहीं अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि गिरिडीह निवासी मरीज रोहित राय के पेड़ से गिरने की वजह से सर में काफी गंभीर चोट आई थी। जिसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा ब्रेन हेमरेज बताया गया। परिजन की सहमति से मरीज का इलाज किया जा रहा था। परंतु मरीज बेहोशी की अवस्था में अस्पताल में भर्ती हुआ था और अंत समय तक उसे होश नहीं आया। सोमवार की रात 8 बजे उसकी मौत हो गई।
 
जिसके बाद  स्‍वजनों ने कई लोगों से संपर्क कर अस्पताल प्रबंधन पर दबाव बनवाया। जिसे अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि वह लोग पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसी विषम परिस्थिति में इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए थी। वजनों द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। अस्पताल अपने मरीजों के प्रति गंभीर है। वह मरीज के परिजन को सुबह से ही शव ले जाने की बात कह रहे हैं। परंतु परिजन गाड़ी लेकर नहीं आए हैं।
 
जिसके वजह से शव अब तक अस्पताल में ही है। दूसरी तरफ पुलिस का कहना है अगर परिजन बंधक बनाकर इलाज की बात कह रहा है, तो उसे नजदीक के थाने में आकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी। जिससे कि पुलिस मौके पर पहुंचकर मरीज के परिजनों को छुड़ा सकती। लेकिन मरीज के मरने के बाद इस तरह का आरोप की जांच की जाएगी। पुलिस को हंगामे की सूचना  मिली। जिसके उपरांत पुलिस बल के साथ वह लोग अस्पताल पहुंचे है। इसके बाद अस्पताल आए दोनों पक्षों की बात को लिखित लिया जा रहा है।

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