Dhanbad: कार्ड बनने के नब्बे दिनों के बाद से ही कर सकते हैं राशन का उठाव
सरकार समय समय पर कई लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करते रहती है। जिसका फायदा आम आदमी को समय समय पर मिलता रहता है। लेकिन इसमें भी कई बार अनियमितता की शिकायत आते रहने पर कुछ नियम कानूनों का समय के साथ बदलती भी रहती है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: सरकार समय समय पर कई लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करते रहती है। जिसका फायदा आम आदमी को समय समय पर मिलता रहता है। लेकिन इसमें भी कई बार अनियमितता की शिकायत आते रहने पर कुछ नियम कानूनों का समय के साथ बदलती भी रहती है। उन्हीें में से एक है गरीब और वंचित लोगों के लिए बनी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम। इस कानून का फायदा लोगों से सस्ते खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने में किया जाता है। कोरोेना के दौर में इसका लाभ नियमित राशन कार्डधारकों के अलावा अन्य वंचित लोगों को खुब मिला।
आप भी अब राशन कार्ड बनवाने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। क्योंकि सरकार ने नये राशन कार्ड बनाने में आंशिक संशोधन किया है। नये नियम के अनुसार अब लाभुक राशन कार्ड बन जाने के 90 दिनों के बाद ही उसकी मदद से राशन का उठाव कर पाएंगे। पहले की व्यवस्था के अनुसार कार्ड बनने के तुरंत बाद से ही राशन मिलना चालू हो जाता था। लेकिन इसमें अब समय लग रहा है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसके दो कारण हैं। पहला यह कि अब कार्ड के अनुसार ही राशन का आवंटन मुख्यालय स्तर से किया जा रहा है। जिसके कारण नये कार्ड पर राशन का आवंटन में विलंब हो रहा है। क्योंकि लाभुक का सत्यापन करने के बाद ई पाश मशीन से जोड़ने में कुछ समय लग रहा है। वितरण सूची में नाम चढ़ाने में कम से कम दो हीने का समय लग रहा है। वहीं नियमों में बदलाव का दूसरा कारण कुछ अयोग्य लाभुकों द्वारा भी इसका लाभ लेने का मामला सामने आना बताया जा रहा है। ताकि इन अयोग्य लाभुकों का सत्यापन कर उनका नाम सूची में जोड़ने से बचा जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो महीने से एक भी राशन कार्ड नहीं बना है। जबकि जून और जुलाई में करीब 150 नए राशन कार्ड बनाए गए थे। जिन्हें इस महीने से राशन मिलना शुरू हो जाएगा। इनका सत्यापन करने के बाद उनका नाम वितरण सूची में चढ़ा दिया गया है।
इस बारे में प्रभारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी मुमताज अली ने बताया कि सरकार से आदेश आने के बाद ही इसे लागू किया गया है। अब एक एक आवेदक का सत्यापन किया जा रहा है। जिसके बाद उनका नाम वितरण सूची में जोड़ा जा रहा है। स्वभावित तौर पर प्रक्रिया पूरी करने में कुछ देर तो होगी ही।