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कोयला लोडिंग में रंगदारी रोकने को प्रशासन ने तय किया रेट, भाजपा विधायक को मंजूर नहीं

बाघमारा में कोयला की ढुलाई की मजदूरी की दर 1250 रुपये प्रति टन मांगने के बाद वहां से कोयला की ढुलाई बंद है। उद्यमी संगठनों की ओर से विधायक की शिकायत पीएमओ तक की गई है।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 04:33 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 04:33 PM (IST)
कोयला लोडिंग में रंगदारी रोकने को प्रशासन ने तय किया रेट, भाजपा विधायक को मंजूर नहीं
कोयला लोडिंग में रंगदारी रोकने को प्रशासन ने तय किया रेट, भाजपा विधायक को मंजूर नहीं

धनबाद, जेएनएन। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की सभी खदानों के कोयला की ढुलाई की दर 250 रुपये प्रति टन करने का प्रशासन ने फैसला लिया है। कोयला के कारोबार में शामिल सारे संगठनों, असंगठित मजदूरों की यूनियन और जनप्रतिनिधियों की सहमति हो जाएगी तो इसे लागू कर दिया जाएगा।

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बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो के प्रभाव क्षेत्र में कोयला की ढुलाई की मजदूरी की दर 1250 रुपये प्रति टन मांगने के बाद वहां से कोयला की ढुलाई बंद है। उद्यमी संगठनों की ओर से विधायक की शिकायत पीएमओ तक की गई है। गृह मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया तो जिला प्रशासन एवं पुलिस ने संजीदगी दिखाते हुए उच्चस्तरीय कमेटी बना कर कोयला की ढुलाई से संबंधित सारे पहलुओं की जांच कराई है। उपायुक्त को जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। जांच रिपोर्ट में माना गया कि कोयला की ढुलाई में खूब गुंडई है, असामाजिक तत्वों का पूरा हस्तक्षेप रहता है। दूसरी तरफ भाजपा विधायक ढुलू महतो ने रिपोर्ट खारिज करने की घोषणा की है। सुझाव दिया गया है कि कोयला की ढुलाई करने वाले मजदूरों को बैंक खाता के जरिए मजदूरी का भुगतान किया जाय। ढुलू महतो के प्रभाव क्षेत्र वाले बीसीसीएल के एरिया नंबर एक से पांच तक कोयला का वजन करने वाले कांटा घर बीसीसीएल के क्षेत्र से बाहर हैं। सुझाव दिया गया कि सारे कांटा घर पर सीआइएसएफ का नियंत्रण होना चाहिए। बीसीसीएल को भी असंगठित मजदूरों के मसले पर सहयोग का रुख रखना चाहिए क्योंकि वे उनके कारोबार में सहभागी हैं।

कोयला का उठाव बंद हुआ तो बनाई गई उच्चस्तरीय समिति: बीसीसीएल की खदान से निकालने के बाद कोयला को डिपो में रखा जाता है। कुछ कोयला की नीलामी होती है तो कुछ कोयला यहां के कोक भट्ठा को रियायती दर पर दिया जाता है। कुछ कोयला विद्युत उत्पादन करने वाली कंपनियों को जाता है। विधायक ढुलू महतो का प्रभाव क्षेत्र बीसीसीएल का एरिया नंबर एक से पांच तक है। कोक भट्ठा संचालकों ने शिकायत की कि ढुलू के प्रभाव क्षेत्र में मजदूरी की दर 650 से बढ़ा कर 1250 रुपये कर दी गई। इस रकम में मजदूरी कम है, रंगदारी की रकम अधिक। इस एरिया की खदानों से निकलने वाले कोयला को कोक भट्ठा संचालकों ने लेना बंद कर दिया। इसके बाद जिला प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच समिति बनाई ताकि जमीनी हकीकत को जाना जा सके। कमेटी में बीसीसीएल, इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सहायक श्रमायुक्त, अपर जिला दंडाधिकारी और पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।

अभी भी मजदूरों को मिलते हैं 200 से 250 रुपये प्रति टन : उच्चस्तरीय समिति ने खरखरी, जमुनिया, बरोरा, आकाशकिनारी, बेनीडीह के मजदूरों से पूछताछ की। जांच में यह बात आई कि अभी भी मजदूरों को प्रति टन 200 से 250 रुपये मजदूरी मिलती है। एक ट्रक में कोयला को लादने में 8 से 10 मजदूरों को कार्य करना पड़ता है। इस कार्य में 5 से 8 घंटे लगते हैं। एक ट्रक में 20 टन कोयला लादने पर मजदूर को 400 से 500 रुपये तक मजदूरी मिलती है। मजदूरों के मुताबिक महीने में औसतन 5 से 6 दिन ढुलाई का काम मिलता है। प्रशासनिक कमेटी की जांच रिपोर्ट से इतर जमीनी हकीकत यह है कि कारोबारी को प्रति टन कोयला की ढुलाई के लिए 650 रुपए प्रति टन तक मजदूरी देनी पड़ती है, वह भी इलाका विशेष के दबंग आदमी को। मजदूरों को उनकी मजदूरी मिल जाती है, बाकी रकम दबंग आदमी और उनके आका की जेब में।

ढुलू के प्रभाव क्षेत्र में बाहरी लोगों का व्यवधान सबसे अधिक : उच्चस्तरीय जांच में यह बात आयी कि बीसीसीएल के एरिया नंबर 1 से 5 तक बाहरी लोगों का व्यवधान सबसे अधिक है। कारण है कि कोयला का वजन करने का कांटा घर बीसीसीएल के क्षेत्र से बाहर है। कांटा घर में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) का नियंत्रण नहीं है। कांटा घर को बाहर क्यों रखा गया है? बीसीसीएल के अफसर इस मसले पर उच्चस्तरीय जांच में साफ बात नहीं रख सके। याद दिला दें कि एरिया 1 से 5 में ढुलू महतो का प्रभाव है। 

रंगदारी खत्म करने के लिए प्रशासनिक जांच का निष्कर्ष

-मजदूरों को बैंक खाता से मजदूरी का भुगतान किया जाय ताकि अनधिकृत लोगों का हस्तक्षेप बंद हो।

-एरिया नंबर एक से पांच के कांटा घर एवं लोडिंग स्थल पर सीआइएसएफ की अतिरिक्त सुरक्षा हो। 

-केंद्रीय श्रम विभाग की न्यूनतम मजदूरी की दर 466 एवं राज्य सरकार की न्यूनतम दर 239.50 रुपये है। अभी एक ट्रक कोयला लादने पर मजदूर को 400 से 500 मिलते हैं। 250 रुपये टन मजदूरी तय हो जाय तो न्यूनतम मजदूरी से अधिक मिलेगी।

-असंगठित मजदूरों की सहकारी समिति का सृजन किया जाय। सहकारी समिति मजदूरों के मसले को देखे।

-असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत संचालित योजना के लाभ के लिए असंगठित मजदूरों का निबंधन किया जाय।

-एरिया नंबर 1 से 5 तक एवं भौंरा में कई जगह पे लोडर से लोडिंग हो रही है। वहां बीसीसीएल को पे लोडर से लोडिंग करानी चाहिए। बाहरी तत्व हस्तक्षेप करे तो सीआइएसएफ उन्हें खदेड़ दे। फिर भी जरूरत पड़े तो प्रशासन से सहयोग लें।

विधायक को पसंद नहीं आई रिपोर्टः रंगदारी को लेकर सवालों के घेरे में भाजपा विधायक ढुलू महतो ने रिपोर्ट खारिज करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन का फैसला एकतरफा और मजदूर विरोधी है। बगैर मजदूरों से बात किए निणर्य लिया गया है। चंद पूंजीपतियों के हित के लिए हम मजदूरों की रोजी-रोटी छिनने नहीं देंगे। 


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