Rajmahal mine accident: जांच में DGMS और ECL नहीं कर रहा सहयोग, समन जारी करेगी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी
16 प्रत्यक्षदर्शियों ने गवाही देने के लिए शपथ पत्र दिया है। लेकिन डीजीएमएस व ईसीएल प्रबंधन द्वारा शपथ पत्र नहीं दिए जाने पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
धनबाद, जेएनएन। ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की राजमहल लालमटिया में खुली खदान में 29 दिसंबर 2016 को हुई दुर्घटना में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की दिल्ली में सोमवार को बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की चेयरमैन भारत सरकार की पूर्व सचिव रश्मि शर्मा ने की। इसके अलावा एस्सेसर के रूप में हिंद मजदूर सभा के अख्तर जावेद उस्मानी, पूर्व मुख्य खान निरीक्षक रवींद्र शर्मा मौजूद थे। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने पिछले दिनों राजमहल दौरे को लेकर आई जानकारी को लेकर अध्ययन किया।
बताया जाता है कि 16 प्रत्यक्षदर्शियों ने शपथ पत्र के माध्यम से गवाही देने के लिए दिया है। लेकिन डीजीएमएस व ईसीएल प्रबंधन द्वारा शपथ पत्र नहीं दिए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए समन जारी करने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही दोनों ही संस्थान को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की ओर से समन जारी किया जाएगा।
समय बढ़ाने के लिए भेजा जाएगा पत्र : बैठक में निर्णय लिया गया तीन माह के दौरान इंक्वायरी पूरी करनी थी, लेकिन इस अवधि में यह पूरा नहीं हो सका है। पूर्व में जिस तरह से श्रम मंत्रालय की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी को समय मिलता रहा है, उसी आधार पर राजमहल के लिए भी समय मांगा जाएगा।