नियोजन व मुआवजा के लिए शव रखकर हाजिरी घर पर प्रदर्शन
लोदना क्षेत्र की एकीकृत नार्थ-साउथ-जीनागोरा परियोजना में कार्यरत हॉलेज ऑपरेटर डोमा बाउरी के आश्रित को नियोजन व मुआवजा की मांग को लेकर शुक्रवार को कर्मियों व यूनियन नेताओं ने नार्थ तिसरा परियोजना के हाजिरी घर के समक्ष प्रदर्शन किया।
तिसरा : लोदना क्षेत्र की एकीकृत नार्थ-साउथ-जीनागोरा परियोजना में कार्यरत हॉलेज ऑपरेटर डोमा बाउरी के आश्रित को नियोजन व मुआवजा की मांग को लेकर शुक्रवार को कर्मियों व यूनियन नेताओं ने नार्थ तिसरा परियोजना के हाजिरी घर के समक्ष प्रदर्शन किया।
मालूम हो कि गोल्डन पहाड़ी निवासी डोमा की तबीयत गुरुवार को द्वितीय पाली में काम के दौरान बिगड़ गई थी। कर्मियों ने उसे पहले तिसरा अस्पताल इलाज के लिए ले गए। वहां के चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए उसे सेंट्रल अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल के चिकित्सक ने जांच के बाद डोमा को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। संयुक्त मोर्चा के नेता व परिजन शुक्रवार की दोपहर बाद डोमा के शव को लेकर नार्थ तिसरा परियोजना के हाजिरी घर पहुंचे। वे लोग परियोजना का काम ठप कर तत्काल नियोजन व मुआवजे की मांग करने लगे। सूचना पाकर लोदना क्षेत्र के अपर महाप्रबंधक यूसी गुप्ता, परियोजना पदाधिकारी एसके श्रीवास्तव, उप प्रबंधक काíमक रंजन कुमार, प्रबंधक काíमक प्रमोद कुमार, आरके शर्मा पहुंचे। काफी नोकझोंक और गहमागहमी के बीच वार्ता हुई। शाम के सात बजे वार्ता में फैसला हुआ कि चुनाव को लेकर अचार संहिता है। इसलिए 25 दिसंबर को उसके पुत्र उत्तम बाउरी को प्रोविजनल नियोजन दिया जाएगा। तब लोग शांत हुए। इसके बाद परियोजना का काम चालू हुआ। लगभग पांच घंटे तक काम ठप रहा। वार्ता में संजीत सिंह, अनिमेष सिंह, पिकी सिंह, सलाउद्दीन, सुनील कुमार राय, उमेश सिंह, अनिल सिंह, रंथू रोहिदास, सतीश चंद्र दास आदि थे। इधर डोमा की मौत से पत्नी मालती देवी व परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अंतिम संस्कार मोहलबनी श्मशान घाट में किया गया। प्रबंधन, यूनियन नेताओं व कर्मियों ने डोमा की मौत पर दुख जताकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।