Jharkhand Assembly Election 2019 : आम हो या खास, लाइफ लाइन पर अटकी सांस
6 मई 2017 को संवेदक के साथ स्टेट हाइवे निर्माण विभाग का करार हुआ था कि 5 मई 2019 तक इस फोरलेन (12 मीटर चौड़ी) सड़क का काम पूरा करना है।
धनबाद [आशीष अंबष्ठ]। देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले जिलों में शुमार है धनबाद। यहां की लाइफ लाइन है गोविंदपुर से महुदा होकर रांची तक की सड़क। इसमें गोविंदपुर से महुदा तक निर्माण 5 मई 2019 तक पूरा कर देना था। अतिक्रमण न हटने, भूमि अधिग्रहण में अड़ंगा, पानी की पाइप लाइन जैसे अवरोध आड़े आ जाने से इस सड़क का 75 फीसद काम ही हो सका है। 25 फीसद काम बाकी है। धनबाद की यह सड़क लाइफ लाइन मानी जाती है। इसके पूरा न होने आम से लेकर खास तक में नाराजगी है। सड़क निर्माण के दौरान जगह-जगह गड्ढे खोद दिए जाने से आम जनता बेहद हलकान भी है। दुर्घटनाओं की आशंका के साथ धूल प्रदूषण का कहर भी टूट रहा है। लोगों की सांस इस लाइफ लाइन में अटकी है। यह सड़क बन जाए तो उनको काफी राहत होगी।
6 मई 2017 को संवेदक के साथ स्टेट हाइवे निर्माण विभाग का करार हुआ था कि 5 मई 2019 तक इस फोरलेन (12 मीटर चौड़ी) सड़क का काम पूरा करना है। काम पूरा न होने के कारण अब एक साल का वक्त और दिया गया है।
शुरुआत में ही लग गया अड़ंगा : सड़क के शुरुआती प्वाइंट गोविंदपुर में ही अड़ंगा लग गया है। यहां अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। जमीन अधिग्रहण भी नहीं हुआ। यहां काम ही शुरू नहीं हो सका है। स्टील गेट, रणधीर वर्मा चौक, श्रमिक चौक, करकेंद, महुदा में भी ऐसी ही दिक्कतेें हैं।
विभाग ने किया है 145 करोड़ का भुगतान : सड़क निर्माण का ठेका रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है। 189 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में गोविंदपुर-धनबाद-महुदा के बीच 32.75 किमी में काम हो रहा है। 30.65 किमी फोरलेन किया जाना है। विभाग की ओर से इस मद में अब तक 145 करोड़ का भुगतान भी हो चुका है।
जहां मिली जगह कर दी खुदाई : कंस्ट्रक्शन कंपनी को सड़क किनारे जहां भी खाली स्थान मिला वहां उसने खुदाई कर काम शुरू कर दिया। इससे आम जनता को क्या दिक्कतें होंगी इसका भी ध्यान नहीं रखा गया। कई जगह पाइप लाइन फट गई। पानी सड़क पर बह रहा है। आए दिन दुर्घटनाएं घट रही हैं। इसके निर्माण के दौरान बीच में पडऩे वाले बैंक मोड़ में 1.1 किमी व महुदा बाजार में 2.1 किमी काम अभी नहीं करना है। उसके लिए अलग से तैयारी होगी।
काट दिए 1985 पेड़, नहीं किया पौधारोपण : सड़क निर्माण के लिए 3469 पेड़ों की कटाई का आदेश वन विभाग से लिया गया। 1985 पेड़ काटे जा चुके हैं। एनएच पर 6284 पौधे लगाने के लिए कहा गया है। जमीन उपलब्ध होने के बाद भी उनको लगाने की व्यवस्था नहीं की गई।
जलापूर्ति पाइप व बिजली पोल बाधक : सड़क के किनारे पानी की पाइप लाइन व बिजली के पोल नहीं हटाए जाने से निर्माण में गतिरोध पैदा हुआ है। बिजली व पीएचईडी को बिजली के पोल व पाइप हटाने के लिए राशि भी दे दी गई। मगर इस काम की गति काफी धीमी है।
बिजली, पीएचईडी, भूअर्जन विभाग को जो जिम्मेदारी दी गई उसका ठीक से निर्वहन नहीं हो रहा है। इससे काम में बाधा आ रही है। शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण दिक्कत है। सरकारी विभाग की उदासीनता से संवेदक की राशि भी नहीं काटी जा रही है।
- सरफराज अहमद, तकनीकी सदस्य अधिशासी अभियंता, स्टेट हाइवे अथॉरिटी
जमीन सहित अन्य समस्याओं के कारण काम लटका है। एक साल के लिए विभाग की ओर से एक्सटेंशन दिया गया है। तीन माह बीत भी गए हैं। बीसीसीएल, रेल, राज्य सरकार की जमीन का कई स्थान पर अधिग्र्रहण होना है। वह काम भी नहीं हो पा रहा है।
- हेमंत आनंद प्रोजेक्ट मैनेजर, आरकेएस कंस्ट्रक्शन
धनबाद-बोकारो मार्ग पर भी गतिरोध, समय पर नहीं पूरा होगा कामः धनबाद-बोकारो मार्ग का चौड़ीकरण दो चरणों में किया जा रहा है। एक चरण गोविंदपुर से महुदा तक है। पहले चरण में गोविंदपुर से महुदा तक (32 किलोमीटर) चौड़ीकरण करना है। दूसरे चरण का काम पुपुनकी से मिर्धा पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक किया जाना है। धनबाद को बोकारो के रास्ते रांची से जोडऩे वाली यह प्रमुख सड़क है। यह सड़क बन जाने से धनबाद बोकारो शहर के लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी। काम पूरा करने का समय दिसबंर 2019 है। संवेदक के साथ दिसंबर 2017 में करार किया गया है। एनएच 32 में पुपुनकी से मिर्धा (पश्चिम बंगाल बॉर्डर) तक फोरलेन बनेगी। राजगंज से पुरुलिया जिले के मिर्धा तक सड़क चौड़ीकरण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसकी अधिसूचना 22 मार्च 2012 को जारी की गई थी। तब से इसकी प्रक्रिया चल रही है। एनएच 32 की राजंगज से मिर्धा तक कुल करीब 57 किमी दूरी है। अधिकारियों की सुस्ती से काफी धीमी गति से काम हो रहा है।
चार माह का मांगा एक्सटेंशन : सड़क चौड़ीकरण काम का ठेका अशोका बिल्डकोन को मिला है। कुल 487 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में अब तक 72 फीसद काम पूरा हो पाया है। दिसंबर में काम पूरा करने का समय निर्धारित है। निर्माण में लगी कंपनी ने चार माह का एक्सटेंशन का समय मांगा है।