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लद्दाख से आए सैनिक की सड़क हादसे में मौत, तीन जख्मी

जामाडोबा (धनबाद) : झरिया- ¨सदरी मुख्य मार्ग पर फुसबंगला रोपवे के निकट मंगलवार रात सड़क दुर्घटना में ड

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 07:50 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 07:50 PM (IST)
लद्दाख से आए सैनिक की सड़क हादसे में मौत, तीन जख्मी
लद्दाख से आए सैनिक की सड़क हादसे में मौत, तीन जख्मी

जामाडोबा (धनबाद) : झरिया- ¨सदरी मुख्य मार्ग पर फुसबंगला रोपवे के निकट मंगलवार रात सड़क दुर्घटना में डिगवाडीह मांझी बस्ती निवासी आर्मी जवान 22 वर्षीय वसीर अंसारी की मौत हो गई। वे लद्दाख में तैनात थे। वसीर के साथ बाइक पर बैठे खुर्शीद अंसारी व रामधारी भी जख्मी हो गए। हुई दूसरी बाइक में सेलकर्मी मो. रउफ भी जख्मी हुए। दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों का इलाज धनबाद व बोकारो के अस्पताल में चल रहा है।

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बताते हैं कि बड़कीटांड़ जामाडोबा के रहनेवाले सेलकर्मी मो. रउफ बाइक से ड्यूटी पर चासनाला जा रहे थे। तभी डिगवाडीह से झरिया की ओर जा रहे बाइक सवार आर्मी जवान वसीर, खुर्शीद व रामधारी झरिया जाने के क्रम में फुसबंगला रोपवे के निकट जोरदार तरीके से आपस में टकरा गये। सड़क दुर्घटना में चारों घायल हो गये। स्थानीय लोगों ने घायलों को तत्काल टाटा जामाडोबा अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए आर्मी जवान वसीर को जालान अस्पताल भेजा। चिकित्सक ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं 55 वर्षीय मो. रउफ को बोकारो बीजीएच भेजा गया है। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। अन्य दो घायल खुर्शीद अंसारी एवं रामधारी का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है। धनबाद में पोस्टमार्टम के बाद जवान का शव दोपहर बाद डिगवाडीह पहुंचा। परिजन रो रोकर बेहाल हैं।

..हेलमेट पहनने से बच सकती थी जवान की जान :

फुसबंगला में सड़क हादसे में आर्मी जवान वशीर की मौत हेलमेट पहनने से टल सकती थी। बताते हैं कि जवान के साथ अन्य दो लोग भी हेलमेट नहीं पहने थे। जवान की मौत सिर में गंभीर चोट लगने से ही हुई। अन्य दो को भी सिर में शरीर में ही चोट लगी है। वहीं सेलकर्मी रउफ हेलमेट पहने थे। इसके कारण उन्हें सिर में थोड़ी कम चोट लगी। हाल में झरिया कोयलांचल के चासनाला में भी दो परघाबाद निवासी दो दोस्तों की मौत तेज रफ्तार से बाइक चलाने के दौरान मारुति से टकराने से हो गई थी। दोनों दोस्त भी हेलमेट नहीं पहने थे।

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परिजन हैं रो रोकर बेहाल :

जवान वसीर के पिता अब्बास का निधन पूर्व में ही हो चुका है। घर में मां अरुशा बीवी, बड़ा भाई नियाज अहमद, नजीर अहमद, सुहैल अंसारी, बहन फरजाना, नसीमा खातून, जमीला रो रोकर बेहाल है। घर का वही कमाऊ पुत्र था। दोपहर बाद वसीर का शव पोस्टमार्टम के बाद डिगवाडीह पहुंचा। शव को देखकर मां सुधबुध खो बैठी। बार-बार वह वसीर को ही बुला रही थी। पास की महिलाओं ने उन्हें ढांढ़स बंधाया। परिजनों के रोते बिलखते देख उपस्थित लोगों की आंखें भी नम हो गई। परिजनों व मुहल्ले के लोगों ने डिगवाडीह क्रबिस्तान में वसीर की मिट्टी मंजिल की। जनाजे में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

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सुबह में आया था घर, रात में चली गई जान :

आर्मी जवान वसीर के परिजनों को कहना है कि वह लद्दाख में तैनात था। छुट्टी के बाद मंगलवार की सुबह ही डिगवाडीह घर लौटा था। दोस्तों से मिलने की बात कह शाम को घर से निकला। रात में उसकी फुसबंगला में दुर्घटना की जानकारी मिली। परिजनों ने रो रोकर बताया कि सुबह घर आया था। रात में वसीर की जान चली गई।

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रामगढ़ आर्मी कैंप से पहुंचे अधिकारी :

डिगवाडीह निवासी आर्मी के जवान वसीर की मौत की सूचना पाकर रामगढ़ आर्मी कैंप के अधिकारी बुधवार को मृतक के आवास पहुंचे। उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। दुखी परिवार को ढांढस बंधाया।


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