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जब सचदेवा खुद ही मरना चाहते थे तो बचाए गए, माैत आई तो हर कोशिश बेकार गई Dhanbad News

सड़क हादसे के बाद गंभीर रूप से जख्मी जय कुमार को जब अस्पताल लाया गया तो अस्पताल में चिकित्सक नदारद थे। उन्हें देखनेवाला कोई नहीं था। एक-दो स्वास्थ्यकर्मी व सहिया थीं।

By Edited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 09:56 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 02:23 PM (IST)
जब सचदेवा खुद ही मरना चाहते थे तो बचाए गए, माैत आई तो हर कोशिश बेकार गई Dhanbad News
जब सचदेवा खुद ही मरना चाहते थे तो बचाए गए, माैत आई तो हर कोशिश बेकार गई Dhanbad News
चासनाला, जेएनएन। आदमी के वश में सब कुछ है। नहीं है तो सिर्फ माैत। कोई नहीं जानता कि उसे माैत कब और कहां मिल जाएगी। पाथरडीह के पेट्रोल पंप व्यवसायी 81 वर्षीय जय कुमार सचदेवा एक सप्ताह पहले 31 अगस्त को भ्रष्ट तंत्र से आजिज होकर खुद को जलाकर मार डालना चाहते थे। बलियापुर अंचल कार्यालय में अंचल अधिकारी के सामने ही अपने शरीर पर पेट्रोल उड़ेल लिया। वह माचिस की तिल्ली जलाने वाले ही थे कि सबने मिलकर उन्हें बचा लिया। रविवार को जब सचदेवा की माैत आई बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन बच नहीं सके। पाथरडीह थाना क्षेत्र के चासनाला में ट्रक ने उनकी कार को राैंद दिया। सचदेवा खुद कार ड्राइव कर रहे थे। इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

पाथरडीह थाना क्षेत्र के चासनाला केके गेट होंडा शोरूम के समीप झरिया-सिंदरी मुख्य मार्ग पर रविवार दोपहर विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक व कार में टक्कर में पाथरडीह के पेट्रोल पंप व्यवसायी व समाजसेवी 81 वर्षीय जय कुमार सचदेवा उर्फ जेके अंकल की मौत हो गई। वह कार स्वयं चला रहे थे। कार दुर्घटनाग्रस्त होकर सड़क से कुछ दूर चली गई। ट्रक सड़क के दाहिने ओर लगे लोहे के बोर्ड को उखाड़ते हुए सिंदरी की ओर भाग निकला। सिंदरी रोहराबांध में ट्रक को छोड़कर चालक भाग निकला। स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद जय कुमार को कार से निकालकर चासनाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। चिकित्सक ने गंभीर स्थिति देख धनबाद रेफर कर दिया। जालान अस्पताल में जांच के बाद चिकित्सक ने जय कुमार को मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर पाथरडीह पुलिस मौके पर पहुंचकर छानबीन की। धनबाद में पोस्टमार्टम के बाद शव रात में कांड्रा स्थित उनके आवास श्री भवन में लाया गया। शव पहुंचते ही परिजनों के क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
यह है घटना : कांड्रा निवासी पेट्रोप पंप संचालक समाजसेवी आयुष फाउंडेशन संस्था के अध्यक्ष जय कुमार कार से अपने घर कांड्रा से झरिया की ओर जा रहे थे। तभी केके गेट होंडा शोरूम के समीप झरिया-सिंदरी मुख्य मार्ग पर झरिया से सिंदरी की ओर तेज रफ्तार से आ रही सीमेंट के खाली ट्रक ने कार में जोरदार टक्कर मार दी। ट्रक व कार में जोरदार टक्कर के बाद आसपास के घरों में बैठे लोग बाहर निकल गए। तब तक ट्रक को लेकर चालक भाग चुका था। कार में सवार जख्मी जय कुमार को निकालने के लिए बंद दरवाजे को एक गैराज से लोहे के राड लाकर किसी प्रकार खोला गया। इसके बाद जख्मी जय कुमार को चासनाला अस्पताल ले गये।
चिकित्सक के नहीं रहने पर भड़के लोग : सड़क हादसे के बाद गंभीर रूप से जख्मी जय कुमार को जब अस्पताल लाया गया तो अस्पताल में चिकित्सक नदारद थे। उन्हें देखनेवाला कोई नहीं था। एक-दो स्वास्थ्यकर्मी व सहिया थीं। चिकित्सक के नहीं रहने से लोगों का गुस्सा भड़क गया। हंगामा करने लगे। काफी कहने के बाद आक्सीजन लाया गया। इसके बाद एंबुलेंस से लोग उन्हें धनबाद ले गए। लोगो का कहना था कि आयेदिन ऐसी कई बड़ी घटनाओं के समय सीएचसी में चिकित्सक नदारद रहते हैं। अगर चिकित्सक होते तो शायद जय कुमार को बचाया जा सकता था।
सचदेवा की मौत से चासनाला, कांड्रा में छाया मातम : सड़क हादसे में पाथरडीह पेट्रोल पंप के संचालक जय कुमार सचदेवा की दर्दनाक मौत की खबर से चासनाला, कांड्रा क्षेत्र में मातम पसर गया है। घटना के तुरंत बाद चासनाला स्थित पाथरडीह पेट्रोल पंप को कर्मचारियों ने बंद कर दिया। वहीं कांड्रा स्थित श्रीभवन में उनके शुभ¨चतक पहुंच रहे हैं। मृतक जय कुमार सचदेवा के घर में उनकी पत्नी पुष्पा देवी, पुत्र अंकुर सचदेवा, अखिल सचदेवा, पुत्रवधू शिल्पी सचदेवा, डॉली सचदेवा, पौत्र आर्यन व अमृत हैं। जबकि उन्होंने अपने बड़े भाई स्व. श्रीप्रकाश लीलानी की पुत्री धारा को अपनी पुत्री मान उसका लालन-पालन किया और कन्यादान किया था।
कुवैत से आकर भाई के साथ पंप का कार्य संभाला : जय कुमार पढ़ाई के बाद अरब के कुवैत में काम कर रहे थे। परंतु जब बड़े भाई श्रीप्रकाश ने वर्ष 1980-81 में चासनाला में पेट्रोल पंप की शुरूआत की तो छोटे भाई जय कुमार को बुला लिया। फिर दोनों भाइयों ने पंप का संचालन किया। इस दौरान कांड्रा में एक मकान खरीद कर सभी परिवार के साथ रहने लगे। फिलहाल जय कुमार के दोनों पुत्र पेट्रोलपंप का काम संभाल रहे हैं। हादसे की सूचना पाकर जय कुमार के पुत्र अंकुर व अखिल चासनाला सीएचसी पहुंचे। पिता को घायलावस्था में देख दोनों बदहवास हो गए। किसी प्रकार खुद को संभालकर घायल पिता को धनबाद ले गए। वहां उनकी मृत्यु की खबर सुनकर रोने लगे।
बलियापुर सीओ के सामने किया था आत्महत्या का प्रयास चासनाला : पिछले अगस्त माह के 31 तारीख को जय कुमार सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार व एक जमीन के कागजात सही नहीं किये जाने पर बलियापुर के सीओ मोहम्मद असलम के सामने आत्मदाह करने का असफल प्रयास किया था। अधिकारियों व कर्मचारियों ने किसी तरह उनके प्रयास को विफल किया था। उनका कहना था कि 14 महीनों से अपनी निजी जमीन से जुड़े कागजातों के सत्यापन को कार्यालय का कई बार चक्कर लगा चुके हैं। लाखों रुपये वहां के कर्मचारी रमेश (अमीन) के माध्यम से अधिकारी को देने का आरोप भी लगाया था।

सफल व्यवसायी व सामाजिक कार्यकर्ता थे जय कुमार चासनाला : जय कुमार सचदेवा एक सफल व्यवसायी के साथ अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। अपने मृदु व मिलनसार स्वभाव के कारण लोगों में उनकी अलग पहचान भी थी। उनके पुराने साथी कांड्रा निवासी एके गिरि, विरंची महतो, सुशील दुबे, चासनाला निवासी श्यामलाल तिवारी, जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि लोगों के हर सुख दु:ख में हमेशा वह खड़े रहते थे। खासकर स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच जेके अंकल के नाम से उनकी अलग पहचान थी। विभिन्न संस्थाओं से वे जुड़े थे। फिलहाल आयुष फाउंडेशन से जुड़ने के बाद सैकड़ों पौधारोपण, गरीबों को वस्त्र मुहैया कराते थे। उनके असामयिक निधन से परिवार के साथ समाज को भी अपूर्णीय क्षति पहुंची है।

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