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सड़क हादसे में झरिया थाना के जमादार की मौत

झरिया/धनबाद : झरिया थाना में तैनात एएसआइ अशोक कुमार सिंह की बुधवार रात सड़क दुर्घटना

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 11:58 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 11:58 PM (IST)
सड़क हादसे में झरिया थाना के जमादार की मौत
सड़क हादसे में झरिया थाना के जमादार की मौत

झरिया/धनबाद : झरिया थाना में तैनात एएसआइ अशोक कुमार सिंह की बुधवार रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। वे रात में बाइक पर सवार होकर झरिया थाना से भगतडीह स्थित आवास जा रहे थे। तभी एक सफेद रंग की स्वीफ्ट कार ने उन्हें टक्कर मार दी। जख्मी अशोक सिंह को पहले पीएमसीएच लाया गया, फिर केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की खबर पाकर ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर समेत जिला के कई पुलिस कर्मी अस्पताल पहुंचे। अशोक कुमार सिंह की पत्‍‌नी और चार बच्चे भगतडीह में रहते हैं। खबर पाकर पत्‍‌नी व एक बेटा भी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में उनका रोना-बिलखना देखकर सभी की आखें भीग गई।

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अशोक कुमार सिंह 2017 में केंदुआ से झरिया थाना आए थे। केंदुआ में भी वह सड़क दुर्घटना का शिकार बने थे। तब उनके कमर में गंभीर चोट आई थी। पत्‍‌नी आरती देवी ने बताया कि शाम में किसी केस की डायरी लेकर थाना गए थे। इसके बाद फोन किया था कि थोड़ी देर में आ रहे हैं। लेकिन बाद में उनके दुर्घटना होने की खबर पहुंची। वे आरा के रहने वाले थे।

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लाश पर चादर तक नहीं रखने दिया :

पत्‍‌नी आरती देवी के केंद्रीय अस्पताल पहुंचते ही मातम पसर गया। पत्‍‌नी रोने-बिलखने के साथ कहने लगी कि उसकी पति की मौत के लिए विभाग के लोग जिम्मेदार हैं। यदि कोई चाहता तो सुरक्षित घर पहुंचा सकता था, क्योंकि उन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पति की लाश को उसने किसी को घंटों छूने तक नहीं दिया। चादर भी उसके चेहरे पर ढंकने नहीं दिया। बदहवासी में बस रोती रही और विभाग को कोसती रही। कहती रही कि उसके पति की हत्या कराई गई है। ये भी कहा कि जब गंभीर रूप से जख्मी थे, तो उन्हें केंद्रीय अस्पताल लाना चाहिए था, लेकिन पहले उन्हें पीएमसीएच ले जाया गया। हालांकि थाने के लोगों ने बताया कि सीधे केंद्रीय अस्पताल लाया गया था, लेकिन मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।

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वाट्सएप पर भेज दिया हादसे का फोटो : रोती-बिलखती आरती देवी इस बात पर भी काफी नाराज थीं कि हादसे की तस्वीर भी पुलिस के ही लोगों ने उसके वाट्सएप पर भेज दी। उनका कहना था कि इस तस्वीर को देखने के बाद उनपर और बच्चों पर क्या गुजरी है, ये उन लोगों ने सोचा तक नहीं है। उनके घर में उन्हें और बच्चों को कोई संभालने वाला तक नहीं है। इधर, पत्‍‌नी की बिगड़ती हालत देखकर पुलिस केंद्र से दो महिला पुलिस कर्मियों को बुलाया गया। लेकिन आरती देवी के गुस्से और क्रंदन को देखकर उन्हें दूर ही रखा गया। पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह और शालीग्राम यादव ने आरती को संभालने की कोशिश की।

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1234 नंबर की स्वीफ्ट की चर्चा :

अशोक कुमार सिंह के साथ केंद्रीय अस्पताल पहुंचे झरिया के पुलिस कर्मियों ने बताया कि उनकी बाइक की टक्कर एक सफेद रंग की स्वीफ्ट से हुई थी। उक्त स्वीफ्ट का नंबर प्लेट का एक हिस्सा मौके पर ही गिरा मिला है। उसमें सिर्फ 1234 का नंबर है, जबकि नंबर प्लेट का उपरी हिस्सा वाहन में रह गया। हालांकि फिलहाल तक उक्त नंबर प्लेट के पाए जाने की किसी ने अधिकारिक पुष्टि नहीं की है।


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