पैथोलॉजी में पड़ी रह गई रिपोर्ट, इधर बिना इलाज चली गई वृद्धा की जान Dhanbad News
लापरवाही की मिसाल बन चुके धनबाद पीएमसीएच के आइसीयू में गुरुवार को बसंती देवी (70) की मौत हो गई। आरोप है कि उसकी जांच रिपोर्ट समय पर नहीं दी गई। नर्स ने भी परिजनों से पैसे मांगे।
जागरण संवाददाता, धनबाद: लापरवाही की मिसाल बन चुके धनबाद पीएमसीएच के आइसीयू में गुरुवार को बसंती देवी (70) की मौत हो गई। आरोप है कि उसकी जांच रिपोर्ट समय पर नहीं दी गई। नर्स ने भी बसंती के परिजनों से पैसे की मांग की। उचित इलाज न हो पाने से उसकी जान चली गई। भड़के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। किसी प्रकार उनको समझाबुझाकर अस्पताल प्रबंधन ने शांत किया। देर शाम अंतिम संस्कार मोहलबनी घाट पर हुआ। बसंती के पास आयुष्मान कार्ड भी था, बावजूद फायदा नहीं मिला।
बिहार के खास जमुई (कचहरी) निवासी स्व. देवी राम की पत्नी बसंती देवी अपनी बेटी चिंता देवी के घर झरिया (गुजराती स्कूल के पास) आई थी। यहां उसकी तबीयत खराब हो गई। शनिवार को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया।
फेफड़े में जमा था पानी, कुछ दिन से थी तबीयत खराब: बसंती की पुत्री चिंता देवी ने बताया कि मां के फेफड़ों में पानी जमा हो गया था। झरिया में एक चिकित्सक से इलाज कराया था। तब यह बात पता चली थी। आर्थिक तंगी के कारण मां का इलाज कराने पीएमसीएच आई थी। यहां सुगर जांच, सीटी स्कैन किया गया। बावजूद जांच रिपोर्ट नहीं दी गयी। इस कारण डॉक्टर भी उचित इलाज नहीं कर पा रहे थे। अस्पताल में दवा नहीं होने के कारण उन्हें बाहर से लाना पड़ रहा था।
नर्स ने मांगे पैसे: चिंता का कहना है कि उसे नर्स के व्यवहार से बहुत दुख है। एक ओर मां की हालत गंभीर हो गई, तब वहां की एक नर्स से देखभाल को कहा। नर्स ने दो टूक कह दिया कि बेहतर देखभाल करानी है तो पैसा खर्च करो। उससे परिजनों की बकझक भी हुई थी।
हर बेटी के पास बसंती रहती थी दो माह: चिंता देवी ने बताया कि हम छह बहनें हैं। हमारे कोई भाई नहीं है। पिता के गुजरने के बाद मां हर बेटी के घर दो माह रहने आती थीं। इसी क्रम में हमारे घर आई थी।
"मरीज के मामले में संबंधित डॉक्टर से जानकारी मांगी है। यह लापरवाही का मामला नहीं है। नर्स पर लगे आरोप की जांच हो रही है।"
- डॉ. एचके सिंह, अधीक्षक, पीएमसीएच
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