तेतुलमारी, संवाद सहयोगी। ओडिशा में धनबाद जिले में तेतुलमारी थाना क्षेत्र के बनतुलसी धौड़ा स्थित कुएं में डूबने से शनिवार को दिहाड़ी मजदूर सुबोध भुइयां की पत्नी 30 वर्षीय मालो देवी व सात वर्षीय बेटी बाबी कुमारी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि या घटना दिन में 11 बजे के आसपास की है। मालो अपनी दो पुत्री को के साथ घर से थोड़ी दूरी पर स्थित कुएं पर नहाने व कपड़ा धोने के लिए गई थी।
बेटी को बचाने के लिए लगाई कुएं में छलांग
बता दें कि बड़ी पुत्री बाबी बाल्टी में रस्सी बांधकर पानी निकाल रही थी कि तभी उसका पैर फिसल गया और वह कुएं में गिर गई। यह देख बचाने के लिए उसकी मां कुएं में कूद गई। दोनों को कुएं में गिरता देख छोटी बच्ची ने भाग कर घटना की जानकारी स्वजनों को दी। स्वजन के अलावा कई लोग कुएं पर पहुंचे। इस बीच उसका पति भी पहुंचा। काफी मशक्कत कर दोनों को कुएं से बाहर निकाला। दोनों को इलाज के लिए लोग अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद शवों को लेकर वापस घर लाए।

इसके बाद जब यह खबर पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंच करप शव को कब्जे में लिया। इस दुखद हादसे की जानकारी मालो के मायके वालों को दी गई है। अब लोग उसके मायके वालों के आने का इंतजार कर रहे हैं। घटना के वक्त मालो का पति घर में नहीं था। वह मजदूरी करने गया था। वह अपने पीछे पति के अलावा दो पुत्री छोड़ गई है। वहीं, घटना को लेकर तेतुलमारी थानेदार आशीष यादव ने बताया कि जांच की जा रही है। अब मृतिका के माता-पिता बिहार के बाराचट्टी से आने के बाद ही शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा जाएगा।
मोहल्ले में जलापूर्ति की सुविधा नहीं
घटना के बाद से वन तुलसी धौड़ा के लोगों में रोष है। वे लोग घटना के लिए प्रबंधन और नगर निगम को जिम्मेवार बता रहे थे। लोगों का कहना था कि 12 वर्ष पूर्व हम लोगों को आरएन सिंह चंदौर से विस्थापित कर यहां बसाया गया है। प्रबंधन पानी की व्यवस्था नहीं कर पाया। कई बार पिट वाटर की मांग को लेकर प्रबंधन से शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। नगर निगम चार वर्ष पूर्व से बस्ती के बगल में पानी का एक टंकी बन रहा है। पानी की बात कहने पर निगम के लोग टंकी निर्माण होने के बाद जलापूर्ति की व्यवस्था कराने की बात करते हैं।
2 साल पहले चंदे से तैयार हुआ था कुआं
आठ साल पहले बीसीसीएल प्रबंधन ने मोहल्ले के पास बोर होल कराया था। लोगों को लाभ मिलना शुरू हुआ, लेकिन बाद के काल खंड में यांत्रिकी खराबी के चलते बेकार हो गया। दो साल पूर्व ग्रामीण आपस में चंदा कर इस कुएं का निर्माण कराया। इसपर पूरे मोहल्ले के लोग पानी के लिए निर्भर हैं। मोहल्ले से कुआं की दूरी करीब दो सौ मीटर है। नगर निगम के वार्ड चार के अधीन यह मोहल्ला आता हैं। इस मोहल्ले की करीब ढाई सौ आबादी है। जलापूर्ति की कोई सुविधा नहीं है।