हेमंत सरकार पर बरसे बाबूलाल, कहा- भ्रष्टाचारियों को दे रखी है लूट की छूट
हेमंत सोरेन की सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे अब वाट्सएप पर धमकी देकर रंगदारी मांग रहे हैं। सीधे कह रहे हैं कि हमारा संबंध सीएम के भाई से है। यही वजह है कि सरकार शिकायत करने पर अपराधियों के बजाए आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर रही है। डीजीपी खुलेआम कह रहे हैं कि आंदोलनकारियों के हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे और अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : हेमंत सोरेन की सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे अब वाट्सएप पर धमकी देकर रंगदारी मांग रहे हैं। सीधे कह रहे हैं कि हमारा संबंध सीएम के भाई से है। यही वजह है कि सरकार शिकायत करने पर अपराधियों के बजाए आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर रही है। डीजीपी खुलेआम कह रहे हैं कि आंदोलनकारियों के हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे और अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बाबूलाल रविवार को यहां भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सक्रियता बढ़ाएं। जन मुद्दों पर आंदोलन तेज करें। यह सरकार खुद कुछ करने वाली नहीं। इसने लूट की खुली छूट दे रखी है। अधिकारी विकास कार्य के बजाए वसूली में लगे हुए हैं। सरकार के लोग सिर्फ लूट में अपने हिस्से का हिसाब करने में लगे रहते हैं। हमें ही सदन से सड़क तक सक्रियता बढ़ाकर इस सरकार को काम करने को बाध्य करना होगा अथवा धक्का देकर बाहर करना होगा। बाबूलाल ने कहा कि यदि भाजपा आंदोलन नहीं करती तो ओरमांझी की दुष्कर्म पीड़िता के स्वजनों को न्याय नहीं मिलता। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में भी दुष्कर्म पीड़िता को न्याय भाजपा के आंदोलन की वजह से ही मिला और उसके शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम कराया गया। जल्द हो मोर्चों का गठन, बने प्रदेश कार्यसमिति :
बाबूलाल ने कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ताओं को उनके पद के अनुसार हाथ उठाने को कहा। पता चला कि सात में से मात्र चार मोर्चे के पदाधिकारियों की ही घोषणा हुई है। इस पर उन्होंने कहा कि देर से समिति बनना संगठन के लिए ठीक नहीं। मोर्चों का गठन जल्द होना चाहिए। उन्हें पता चला कि भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों की भी घोषणा नहीं हुई है। उन्होंने इस पर भी नाराजगी जताई व कहा कि जल्द ही कमेटी सदस्यों की घोषणा होनी चाहिए। आदिवासी-अनुसूचित जाति के बीच भेद पैदा करना चाहती सरकार :
बाबूलाल ने कहा कि सरकार और विपक्षी दल आदिवासियों व अनुसूचित जाति के लोगों में भेद पैदा कर उन्हें मुख्य धारा से अलग करना चाहते हैं। दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन और पूर्व में चला शाहीनबाग आंदोलन भी इसी का हिस्सा था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में आदिवासी 26 फीसद व अनुसूचित जाति के लोग 12 फीसद हैं। हमें उनके बीच सक्रियता बढ़ानी होगी। उनके दुख-सुख में शामिल होना होगा। इन्होंने किया संबोधित :
कार्यक्रम को सांसद पीएन सिंह, विधायक राज सिन्हा, बाघमारा विधायक ढुलू महतो, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, प्रमंडल प्रभारी बालमुकुंद सहाय, रागिनी सिंह, भाजपा के महनगर प्रभारी अभय सिंह, महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, जियाडा के स्वतंत्र निदेशक सत्येंद्र कुमार, प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने भी संबोधित किया। संचालन नितिन भट्ट ने किया। इस दौरान प्रियंका पाल, प्रो. सरिता श्रीवास्तव, राजीव शर्मा, अजय त्रिवेदी, राजकुमार अग्रवाल, रमेश कुमार राही, प्रियंका रंजन, संजय झा, मानस प्रसून, श्रवण राय, मिल्टन पार्थसारथी, प्रभात रंजन सिन्हा, रणविजय सिंह, अमलेश सिंह, तमाल राय, पंकज सिन्हा, राकेश सिंह, सत्येंद्र मिश्रा, शिउली बनर्जी, आशा पांडेय, उषा झा, रमा सिन्हा, धनेश्वर मंडल, उमेश यादव, महेश पासवान, कंचन चौरसिया, सुमन अग्रवाल, चुन्ना सिंह, मुकेश सिंह, अमरेश सिंह आदि शामिल थे। राज्य में लोकतंत्र की बागडोर अनुसूचित जाति व जनजाति के हाथ में :
इससे पहले अनुसूचित जाति के जिला सम्मेलन को भी बाबूलाल मरांडी ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति व जनजाति के हाथ में ही लोकतंत्र की बागडोर है। भाजपा ने हमेशा इन वर्गों का ध्यान रखा है। मोदी सरकार की योजनाओं का 90 फीसद लाभ इन्हीं वर्गों को मिला है। यह भाजपा की ही देन है कि देश का राष्ट्रपति, राज्य का मुख्यमंत्री व सर्वाधिक सांसद, विधायक, मंत्री इसी वर्ग का है। भाजपा ने ही बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर को मान सम्मान दिया। कांग्रेस ने सिर्फ छुआछूत को बढ़ावा दिया। एससी-एसटी ने भी भाजपा का भरपूर साथ दिया है। यही वजह है कि जाति और परिवार की राजनीति करने वाले हाशिए पर हैं। हमें झारखंड में भी परिवार की राजनीति करने वालों को हाशिए पर धकेलना है। इन्हें सिर्फ परिवार की चिता है। यही वजह है कि आदिवासी मुख्यमंत्री के समय में 1700 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। इनमें 600 आदिवासी व 400 अनुसूचित जाति की महिलाएं हैं।
सम्मेलन की अध्यक्षता अजा मोर्चा महानगर अध्यक्ष गौरचंद बाउरी ने किया। इस दौरान चंदनकियारी विधायक और मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान महावीर पासवान, मिथिलेश राम, बलराम हाड़ी, आनंद बाउरी, बप्पी बाउरी, हीरालाल दास, सुधीर दास, मनोज पासवान, रोशन दास, शत्रुघ्न पासवान, पंकज भुइयां, श्रीमंत बाउरी, युधिष्ठिर बाउरी, शशि रजक, पवन दास, आशीष पासवान, अंजना देवी, आनंद दास, जया देवी, कपिल पासवान आदि शामिल थे।