सजा सुनते ही कोर्ट में रो पड़े कर्नल, एक बेहोश
धनबाद : 4 लाख 73 हजार 734 रूपये के घोटाला काड में धनबाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश संजय कु
धनबाद : 4 लाख 73 हजार 734 रूपये के घोटाला काड में धनबाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश संजय कुमार की अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। नामजद आरोपित बीसीसीएल लोदना एरिया के तत्कालीन जीएम तरुण काति बंदोपाध्याय, तिसरा के तत्कालीन मैनेजर अदीश यादव, मैनेजर शरत कुमार बेहरा और मैनेजर संतोष प्रसाद श्रीवास्तव को बरी कर दिया गया। वहीं आरोपी कर्नल पीके सिन्हा (प्रोपराइटर मेसर्स सर्च सिल्वर मैक सिक्योरिटी एजेंसी) एवं विजय सील को पांच-पांच वर्ष की सश्रम कारावास एवं 60-60 हजार रूपये जुर्माने से दंडित किया है।
अदालत में न्यायाधीश ने जैसे ही सजा सुनाई दोषी विजय सील कोर्ट रूम मे हीं बेहोश हो गए। वहीं कर्नल पीके सिन्हा रो पड़े। अदालत ने जेल डॉक्टर को अविलंब विजय सिल का उपचार करने का आदेश देते हुए स्वास्थ संबंधी रिपोर्ट तलब की है। बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता एसएन मुखर्जी एवं सुरेश मिश्रा ने, जबकी सीबीआइ की ओर से वरीय अभियोजक कपील मुण्डा ने पैरवी की।
सीबीआइ ने किया था खुलासा : बीसीसीएल के लोदना और जेलगोडा कोलियरी में सिक्योरिटी गार्ड रखने के आड़ मे हुए इस घोटाले का भंडाफोड़ सीबीआइ के भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 22 जनवरी 2010 को करते हुए छह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में सीबीआइ ने आरोप लगाया था कि एक अगस्त 2009 से 31 जुलाई 2011 के दौरान बीसीसीएल केअधिकारियों ने मेसर्स सिल्वर मैक सिक्योरिटी एजेंसी के साथ षड्यंत्र किया। इसके तहत लोदना और जेलगोड़ा कोलियरी एरिया में सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती का काम मेसर्स सिल्वर मैक कंपनी को दिया गया। दोनों जगहों में कुल 65 सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती करनी थी, परंतु कंपनी ने 65 की जगह केवल 38 की तैनाती की। अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर 65 सिक्योरिटी गार्ड का पेमेंट बीसीसीएल से क्लेम किया। अधिकारियों ने बिना जाच पड़ताल के ही कंपनी को भुगतान कर दिया। प्राथमिकी मे सीबीआइ ने घोटाले की राशि 18 लाख 29 हजार 686 रुपये बताई थी परंतु चार्जशीट में बीसीसीएल को 4 लाख 73 हजार 734 रुपये का नुकसान होने का आरोप लगाया था।