Move to Jagran APP

फ हीम के भाजे प्रिंस व रितिक का सरेंडर, गए जेल

नया बाजार रमजान मंजिल निवासी सोहेब आलम से दस लाख रुपये रंगदारी मागने के मामले के नामजद अभियुक्त प्रिंस खान ने पुलिसिया दबाब से तंग आकर सोमवार को अदालत में सरेंडर कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 11:21 AM (IST)
फ हीम के भाजे प्रिंस व रितिक का सरेंडर, गए जेल
फ हीम के भाजे प्रिंस व रितिक का सरेंडर, गए जेल

जासं, धनबाद: नया बाजार रमजान मंजिल निवासी सोहेब आलम से दस लाख रुपये रंगदारी मागने के मामले के नामजद अभियुक्त प्रिंस खान ने पुलिसिया दबाब से तंग आकर सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में सरेंडर कर दिया। वहीं रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह पर हुए जानलेवा हमला काड के नामजद आरोपित रितिक खान ने भी सोमवार को अदालत में सरेंडर किया।

loksabha election banner

अधिवक्ता उदय कुमार भट्ट की दलील सुनने के बाद अदालत ने प्रिंस एवं रितिक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। रमजान मंजिल नया बाजार निवासी सोहेब आलम ने फ हीम के पुत्र रज्जन खान, इकबाल खान, भाजा प्रिंस खान, बंटी खान एवं गोडविन के विरुद्ध बैंक मोड़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के मुताबिक 7 फ रवरी 2018 को उक्त आरोपितों ने दिन के 10 बजे सोहेब आलम से 10 लाख रुपये रंगदारी की माग की थी। आरोपितों ने नया बाजार स्थित पाच कट्ठा जमीन उनके नाम लिख देने की धमकी सोहेब को दी थी। विरोध करने पर सभी आरोपितों ने सोहेब को पिस्टल सटाकर जान मारने की धमकी दी थी। भय से सोहेब ने एक लाख सात हजार रूपया आरोपितों को दिया भी था। पाच लाख और देने के लिए आरोपितों ने दो माह का समय दिया था। इस मामले का आरोपित बंटी खान 18 जून से जेल मे बंद है।

वहीं 22 मार्च को बैंक मोड़ में रिकवरी एजेंट उपेन्द्र सिंह को गोली मार दी गई थी। भीम सिंह, अमित पासवान, व सूरज सिंह इस मामले मे पूर्व से जेल मे बंद हैं।

रंगदारी मामले में रणविजय समेत छह रिहा: तेतुलमारी निवासी कोयला कारोबारी कमल सिंह से रंगदारी मागने में सात वर्ष बाद अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रितु कुजूर की अदालत ने काड के नामजद आरोपित रणविजय सिंह, राजेश सिंह, गुड्डू सिंह, छोटू सिंह, दिनेश रजक एवं अनिल उराव को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। 14 मार्च 2011 को सुबह सात बजे बेस्ट मोदीडीह काटे पर रणविजय सिंह अपने समर्थकों के साथ आए और 600 रुपये प्रति ट्रक रंगदारी मागने लगे। विरोध करने पर रणविजय सिंह व उनके गुगरें ने धारदार हथियार से मारकर कमल सिंह एवं राकेश सिंह को घायल कर दिया था। पुलिस ने 12 जुलाई 11 को रणविजय सिंह, राजेश सिंह, गुड्डू सिंह, छोटू सिंह, दिनेश रजक एवं अनिल उराव के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था। 11 फ रवरी 14 को आरोप तय किए जाने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार ने पैरवी की।

डिप्टी मेयर समेत 20 आरोपित हाजिर: सद्भाव आउटसोर्सिंग में वर्चस्व स्थापित करने को लेकर हुए गोलीबारी के मामले में डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह व 20 अन्य आरोपित सोमवार को अदालत मे हाजिर हुए। सोमवार को आरोप गठन के लिए तारीख निर्धारित थी लिहाजा कोर्ट ने सभी आरोपितों को सदेह हाजिर रहने का आदेश दिया था। परंतु आरोपित बिट्टू सिंह हाजिर नही था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे की अदालत मे सुनवाई शुरू होते ही आरोपित बिट्टू सिंह की ओर से अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व का आवेदन देकर कहा की एमकॉम की परीक्षा होने के कारण बिट्टू अदालत में हाजिर नही हो सका, लिहाजा उन्हें एक मौका दिया जाए। अदालत ने मामले के सभी आरोपितों को सदेह हाजिर रहने का आदेश देते हुए दो अगस्त की तारीख आरोप के गठन हेतु निर्धारित कर दी। गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को सद्भावना परियोजना में जमसं बच्चा गुट व भाजपा समर्थकों के बीच वर्चस्व स्थापित करने के लिए गोली बम चले थे। इस संबंध में धनसार थाना के एएसआइ दशरथ जामुद के स्वलिखित बयान पर कुल 11 लोगों के विरुद्ध नाजायज मजमा बनाकर हरवे.हथियार से लैस हो मारपीट, फ ायरिंग, जानलेवा हमला करने, बम विस्फ ोट व सरकारी काम में बाधा व आ‌र्म्स एक्ट की प्राथमिकी धनसार थाना में दर्ज की गई थी।

सरकारी काम में बाधा के मामले में समरेश नहीं हुए हाजिर: सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले के आरोपित पूर्व मंत्री समरेश सिंह सोमवार को अदालत में हाजिर नहीं हुए। अधिवक्ता प्रभाष सिंह ने उनकी ओर से प्रतिनिधित्व का आवेदन दिया था। अभियोजन इस मामले मे कोई गवाह पेश नहीं कर सका। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित कर दी है।

प्रखंड शिक्षा प्रसार शिक्षा पदाधिकारी टुंडी की लिखित शिकायत पर 13 मार्च 2013 को समरेश समेत 12 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी चिरकुंडा थाना में दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के मुताबिक कैजुअल कर्मचारियों के माग को लेकर समरेश सिंह के नेतृत्व में आदोलनकारियों ने डीवीसी के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार में तालाबंदी कर दी थी। प्रशासन द्वारा उक्त परिसर में 144 लगाई गई थी। बावजूद इसके प्रदर्शनकारियों ने नाजायज मजमा बनाकर हंगामा किया था। इस मामले में पुलिस ने समरेश सिंह, रमेश राही, मन्नू तिवारी, विजय यादव, रामहरे अग्रवाल, चंचल मंडल, रामकृपाल तिवारी, श्यामल बाउरी, संतोष तिवारी, मधुरेन्द्र गोस्वामी, साधना सिंह, फ ारूख गलेरिया के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था। समरेश सिंह इस मामले में जमानत पर थे। परंतु 15 सितंबर 2016 को अदालत ने उनके विरुद्ध गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.