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श्यामडीह में कोरोना संक्रमित मिला, चिकित्सा टीम गांव पहुंची, तीन लोगों को जांच के लिए भेजा पीएमसीएच

कतरास बाघमारा प्रखंड के निचितपुर के एक पंचायत अंतर्गत श्यामडीह दास टोला स्थित सामुदायिक भवन में रह रहे प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाया गया। उसके साथ गांव का एक अन्य युवक रह रहा था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:14 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:18 AM (IST)
श्यामडीह में कोरोना संक्रमित मिला, चिकित्सा टीम गांव पहुंची, तीन लोगों को जांच के लिए भेजा पीएमसीएच
श्यामडीह में कोरोना संक्रमित मिला, चिकित्सा टीम गांव पहुंची, तीन लोगों को जांच के लिए भेजा पीएमसीएच

कतरास : बाघमारा प्रखंड के निचितपुर के एक पंचायत अंतर्गत श्यामडीह दास टोला स्थित सामुदायिक भवन में रह रहे प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाया गया। उसके साथ गांव का एक अन्य युवक रह रहा था। दोनों एक साथ मुंबई स्पेशल ट्रेन से बोकारो आए थे। वहां से गोल्फ ग्राउंड धनबाद गए थे, जहां से बस के जरिए वापस अपने गांव श्यामडीह दास टोला आए थे। मुखिया प्रतिनिधि ने उसे गांव में पुराने सामुदायिक भवन में रखा गया था। दूसरे दिन अपनी व्यवस्था से दोनों जांच के लिए पीएमसीएच गए थे। सैंपल देने के बाद वापस आ गये थे। इसी सामुदायिक भवन में चेन्नई से आए दो अन्य युवक 17 मई से रह रहे थे। तीन दिन तक चारों साथ रहे थे। इसके बाद चेन्नई से पूर्व में आये दोनों युवक अलग एक घर में चले गए थे। एक युवक को कोरोना संक्रमित पाए जाने की सूचना पर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनीष कुमार सहयोगियों के साथ श्यामडीह दास टोला आए। सामुदायिक भवन में रह रहे कोरोना संक्रमित और उसके साथी से पूछताछ किया। इसके बाद कोरोना संक्रमित और उसके साथ रहे तीन लोगों को 108 एंबुलेंस से पीएमसीएच भेजा। सामुदायिक भवन को सैनिटाइज कराया गया। शौच के लिए सभी खुले शौच में जा रहे थे। सामुदायिक भवन के सामने उसी नल पर पानी ले रहे थे, जहां बगलगीर लोग नहाते, कपड़ा धोते और पीने के लिए पानी लेते हैं। इन चारों के घर से सामुदायिक भवन में खाना आता था। परिजन खाना रखकर जाते थे। चिकित्सा पदाधिकारी ने जब क्वारंटाइन किए लोगों को सामुदायिक भवन में नहीं रखे जाने पर सवाल उठाया तो मुखिया प्रतिनिधि ने कहा कि फंड नहीं मिला है। पंचायत सचिवालय में रह रहे चार लोगों के परिजन घर से खाना लाकर खिलाते हैं। कोरोना संक्रमित युवक की मांग का निधन 14 मई को हो गया था। वह अपनी मां का इकलौता सहारा था। जब चिकित्सीय टीम उसे धनबाद पीएमसीएच चलने को कहा तो उसके होश उड़ गये। उसे क्या पता कि मां के श्राद्ध कर्म में भाग नहीं ले पाएगा। मामा व अन्य के समझाने के बाद वह पीएमसीएच जाने के लिए 108 वाहन पर बैठ गया।

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