सीएमपीएफओ में कंप्यूटर खरीद घाटाले में फंसी ज्वाइंट और रीजनल कमिश्नर की गर्दन
सीवीसी के निर्देश पर सीएमपीएफओ के रीजनल कमिश्नर (2) एहतेशाम अली ने सीबीआई एसपी नागेंद्र प्रसाद को इस संबंध में एफआईआर का निवेदन किया था।
धनबाद, जेएनएन। कोयला खदान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) के धनबाद कार्यालय में 3.30 करोड़ की कंप्यूटर खरीद घोटाला का खुलासा हुआ है। नियम-कानून से परे जाकर 2015 से 2017 के बीच सीएमपीएफओ के तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर उमेश प्रसाद कमल और रीजनल कमिश्नर (3) गौतम सेनगुप्ता ने घोटाले की साजिश रची। धनबाद सीबीआई की एसीबी शाखा ने मामले में उमेश प्रसाद कमल, गौतम सेनगुप्ता और ओमनी इंफोवर्ड के संजय झा पर एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली की ओमनी इंफोवर्ड प्राइवेट लिमिटेड से ही 500 कंप्यूटरों की खरीद हुई थी।
सीवीसी के निर्देश पर सीएमपीएफओ के रीजनल कमिश्नर (2) एहतेशाम अली ने सीबीआई एसपी नागेंद्र प्रसाद को इस संबंध में एफआईआर का निवेदन किया था। सीवीसी के निर्देश पर 17 मई 2018 से ही सीबीआई मामले की कलई खोलने में जुटी थी। एफआईआर के अनुसार उमेश प्रसाद कमल, जो फिलहाल नागपुर में सीएमपीएफओ के डिवीजन ऑफिस में ज्वाइंट कमिश्नर हैं और गौतम सेनगुप्ता ने दिल्ली की ओमनी इंफोवर्ड प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिल कर साजिश रची। सरकार के आदेश और नियमों को ताक पर रख कर एजेंसी से प्रति कंप्यूटर 66,169 रुपए के हिसाब से 500 कंप्यूटर खरीदे गए।
सीबीआई की कार्रवाई से सीएमपीएफओ के अधिकारियों के होश फाख्ता हैं। अनुसंधान के दाैरान नामजद अधिकारियों के अलावा और भी लोगों के गर्दन फंसने की संभावना है।