जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले भर काे दुरुस्त रखने वाले उपायुक्त का अपना कार्यालय की बदहाली का शिकार बना हुआ है। कभी भी काेई कर्मचारी या अधिकारी घायल हाे सकता है। जर्जर भवन बड़े हादसे काे आमंत्रित कर रहा है। उपायुक्त कार्यालय की इस बदहाली के बारे में वरीय अधिवक्ता रामपुनीत चाैधरी ने ध्यान आकर्षित कराया है। उन्हाेंने उपायुक्त काे इस संबंध में एक पत्र लिखा है।
पत्र में चाैधरी ने कहा है कि उपायुक्त कार्यालय की छत जर्जर हाे चुकी है। इससे सीमेंट का प्लास्टर झड़कर गिरता रहता है। सभी कर्मचारी, अधिकारी इसकी जानकारी रखते हैं। बावजूद इसके आम लाेगाें व विभागीय अधिकारी-कर्मचारी आना-जाना करते रहते हैं। कभी काेई बड़ा टुकड़ा किसी पर गिर गया ताे गंभीर हादसा हाे सकता है। चाैधरी ने उपायुक्त से कहा कि ऐसे हादसे में किसी की माैत हुई ताे उसकी जिम्मेदारी भी उपायुक्त की ही हाेगी। ऐसे में वे जल्द से जल्द इसकी मरम्मत कराएं। चाैधरी रेल पुल से संबंधित एक लाेकहित याचिका की जानकारी के संबंध में विधि विभाग गए थे, जहां उन्हाेंने पुराने भवन की दुरावस्था देखी।
भेलाटांड़ में नया उपायुक्त कार्यालय निर्माणाधीन: बता दें कि धनबाद उपायुक्त कार्यालय का निर्माण १९५६ में धनबाद के जिला बनने के बाद हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कृष्ण सिंह ने इसका लाेकार्पण किया था। तब से इस भवन में कई फेरबदल हुए, बावजूद इसके भवन पुराना पड़ चुका है। पार्किंग व काेर्ट के कारण भीड़भाड़ की भी समस्या यहां बनी रहती है। बीच शहर में हाेने की वजह से यहां पहुंचने के लिए लाेगाें काे जाम की समस्या से भी रूबरू हाेना पड़ता है। हालांकि माैजूदा समय में भेलाटांड़ में नया उपायुक्त कार्यालय निर्माणाधीन है। जल्द ही उसके पूरी तरह बनकर तैयार हाे जाने की उम्मीद है, जिसके बाद उपायुक्त कार्यालय वहां शिफ्ट कर दिए जाने की याेजना है।
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