खदानों से निकलने कोयले की रास्ते में होती लूट
केंदुआ गोधर और कुसुंडा में जान हथेली पर लेकर कोयला चोरी का कारोबार बदस्तूर फ ल-फू ल रहा है। रात तो रात यहा दिन में भी अपनी जान की परवाह किये बिना कोयला चोर चलती हाइवा पर सवार होकर कोयला लूट लेते हैं।
केंदुआ :गोधर और कुसुंडा में जान हथेली पर लेकर कोयला चोरी का कारोबार बदस्तूर फ ल-फू ल रहा है। रात तो रात यहा दिन में भी अपनी जान की परवाह किये बिना कोयला चोर चलती हाइवा पर सवार होकर कोयला लूट लेते हैं। कई बार इससे हाइवा ट्रक की चपेट में आने से कोयला उतारने वाले की मौत तक हो जाती है। लेकिन इसके बावजूद कोयला चोरी का काम बंद होता या रुकता नहीं है। कोयला चोरों का समूह इतना संगठित या मजबूत है कि कोयला उतारने के क्रम में घायल या मरे व्यक्ति के नाम तक की जानकारी पुलिस या किसी को नही हो पाती है। कोयला चोरों की मनमानी और किसी अनहोनी घटना होने के डर से हाइवा चालक गाड़ी रोक देते है। कोयला चोरों द्वारा कोयला उतारने के बाद हाइवा आगे साइडिंग के लिए रवाना होता है। अगर इस बीच कोई हाइवा चालक गुस्ताखी कर देता है तो उसकी खैर नहीं। कोयला चोर बाद में उस हाइवा का शीशा फ ोड़ डालते हैं। कोयला चोरी का यह कारोबार गोधर काली बस्ती, 26 नम्बर, कुसुंडा साइडिंग और कुस्तौर साइडिंग में होता है। कोयला चोर हाइवा से कच्चा कोयला उतार कर या डिपो या साइडिंग से कोयले की चोरी करने के बाद पकाकर पोड़ा बनाते है। उसके बाद पोड़े कोयले को बोरियों में भरकर साइकिल या मोटरसाइकिल पर लादकर कुसुंडा रेल फ ाटक के रास्ते मटकुरिया, भूली के रास्ते बरवाअड्डा या गोविंदपुर के भट्ठों में ले जाकर बेच देते हैं। कोयला चोरों के मजबूत समूह के कारण गोधर काली बस्ती में रात कौन कहे दिन में भी पुलिस बस्ती में जाने से घबराती है। गोधर काली बस्ती, 26 नंबर में नित्य दिन कोयले का काफ भट्ठे जलता दिखाई देगा। गोधर कुसुंडा में कोयला चोरी के इस कारोबार को रोकने में बीसीसीएल, सीआइएसएफ और केंदुआडीह पुलिस विफ ल साबित हो रही है। वैसे सूचना मिलने पर केंदुआडीह पुलिस और सीआइएसएफ कार्रवाई के लिए पहुंचती है। लेकिन पुलिस और सीआइएसएफ के पहुंचने से पूर्व कोयला चोर फ रार हो जाते है।