देश के बड़े हिस्से में अंधेरा छाने का खतरा
धनबाद : पावर प्लांटों में कोयले की भारी कमी के कारण देश के एक बड़े हिस्से में अंधेरा
धनबाद : पावर प्लांटों में कोयले की भारी कमी के कारण देश के एक बड़े हिस्से में अंधेरा छाने का खतरा है। पावर प्लांटों में 20 दिन का कोयला हमेशा उपलब्ध होना चाहिए, परंतु कई प्लांटों में स्थिति विकट है।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश व हरियाणा के पावर प्लांटों में कोयले की उपलब्धता शून्य है। डीआरएम धनबाद मनोज कृष्ण अखौरी ने कहा कि डीसी लाइन बंद होने से कोयला प्रेषण प्रभावित हुआ है। विदेशी कोल की कीमत बढ़ने का भी प्रभाव पड़ा है। समस्या के समाधान के लिए कोल कंपनियों से बात की जा रही है। रेलवे के पास जितना कोयला उपलब्ध है उसे प्राथमिकता के आधार पर पावर प्लांटों में भेजा जा रहा है।
हरियाणा व उत्तर प्रदेश के पावर प्लांटों की स्थिति
पानीपत पावर प्लांट - शून्य
यमुनानगर - शून्य
दादरी - शून्य
अनपरा - एक दिन
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- कोयला लोडिंग में 18 फीसद की गिरावट
धनबाद : धनबाद-चन्द्रपुरा रेललाइन बंद होने के कारण बीसीसीएल की कोयला लोडिंग में भारी गिरावट आई है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 18 फीसद की गिरावट है। इस कारण प. बंगाल के ज्यादातर पावर प्लांटों में कोल शॉर्टेज की स्थिति है। ऐसे में दुर्गापूजा के दौरान राज्य में विद्युत आपूर्ति में अड़चन आ सकती है। पूजा के दौरान वहां बिजली की मांग बढ़ जाती है जिसे पूरा करना बड़ी चुनौती होगी।
बीसीसीएल की लोडिंग
पिछले वर्ष - 7.21 मिलियन टन
इस वर्ष - 5.92 मिलियन टन
प. बंगाल के पावर प्लांटों में कोयले की स्थिति
बक्रेश्वर - तीन दिन
बंडेल - छह दिन
फरक्का - पांच दिन
कोलाघाट - पांच दिन
मेजिया - पांच दिन