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झरिया में लगेगा कोल इंडिया का पहला सीबीएम व्यावसायिकप्रोजेक्ट, पीईपीएल के साथ हुआ करार

काफी लंबे समय के बाद बीसीसीएल के पश्चिमी झरिया क्षेत्र में सीबीएम (कोल बेड मिथेन) प्रोजेक्ट खुलने का रास्ता साफ हो गया है। सीबीएम दोहन के लिए सोमवार को बीसीसीएल और पीईपीएल के बीच समझौते पर हस्ताक्षर कर लिया गया। तकनीकी निदेशक चंचल गोस्वामी ने बताया कि करीब 1500 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट से पांच साल बाद व्यावसायिक दोहन की प्रक्रिया शुरू होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 07:00 AM (IST)
झरिया में लगेगा कोल इंडिया का पहला सीबीएम व्यावसायिकप्रोजेक्ट, पीईपीएल के साथ हुआ करार
झरिया में लगेगा कोल इंडिया का पहला सीबीएम व्यावसायिकप्रोजेक्ट, पीईपीएल के साथ हुआ करार

जागरण संवाददाता, धनबाद :

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काफी लंबे समय के बाद बीसीसीएल के पश्चिमी झरिया क्षेत्र में सीबीएम (कोल बेड मिथेन) प्रोजेक्ट खुलने का रास्ता साफ हो गया है। सीबीएम दोहन के लिए सोमवार को बीसीसीएल और पीईपीएल के बीच समझौते पर हस्ताक्षर कर लिया गया। तकनीकी निदेशक चंचल गोस्वामी ने बताया कि करीब 1500 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट से पांच साल बाद व्यावसायिक दोहन की प्रक्रिया शुरू होगी। दो साल तक ड्रिलिग काम किया जाएगा। कपुरिया, मुनीडीह व सेंगरा में यह प्रोजेक्ट चालू होगा। यह सीआइएल की पहली व्यावसायिक परियोजना है। इस अवसर पर कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा की यह काफी गौरव की बात है कि बीसीसीएल में यह पहला प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है। इससे आम लोगों को भी लाभ मिलेगा। चेयरमैन व कोल इंडिया तकनीकी निदेशक विनय दयाल वीसी के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। झरिया कोलफील्ड में बीसीसीएल के खनन पट्टाधारित क्षेत्र के अंतर्गत कुल 26.5 वर्ग किमी के क्षेत्र में झरिया सीबीएम- सीएमएम ब्लाक को कोल बेड मीथेन (सीबीएम) की खोज के उद्देश्य से चिह्नित किया गया है।

तीन चरणों में लागू होगी परियोजना

इस परियोजना को तीन चरणों में लागू किया जाएगा। प्रस्तुत विकास योजना के अनुसार पहले चरण में अन्वेषण, दूसरे चरण में उत्पादन के लिए पायलट मूल्यांकन और बाजार सर्वेक्षण तथा तीसरे चरण में एफडीपी जमा करने से अधिकतम 30 वर्षों के लिए या क्षेत्र की आर्थिक जीवन उपयोगिता तक विकास एवं उत्पादन शामिल होगा। इस परियोजना के कार्यान्वयन से पर्यावरण पर दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कोयला खनन गतिविधियों से पहले ड्रिलिग द्वारा कोल बेड मीथेन गैस की निकासी की जाएगी और इसका उपयोग विभिन्न पर्यावरण-अनुकूल और हरित परियोजनाओं में किया जाएगा। मौके पर बीसीसीएल की ओर से डीटी चंचल गोस्वामी, डीटी जेपी गुप्ता, पूरी टीम के के साथ उपस्थित थे। बीसीसीएल की ओर (पश्चिमी झरिया क्षेत्र) जेएस महापात्र, महाप्रबंधक और पीईपीएल की ओर से प्रकाश साहनी, सीईओ, पीईपीएल ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया। आरएन झा, निदेशक (अनुसंधान एवं विकास), सीएमपीडीआई, रांची और एके राणा, निदेशक तकनिकी, सीएमपीडीआई भी वीसी के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल थे।


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