फाइनल एरियर नहीं बनने से रिटायर्डकर्मी पेंशन रिव्यू से वंचित
धनबाद : कोल इंडिया से सेवानिवृत्त कोल कर्मियों को दसवें वेतन समझौता का बढ़ा हुआ एरियर फाइनल भ
धनबाद : कोल इंडिया से सेवानिवृत्त कोल कर्मियों को दसवें वेतन समझौता का बढ़ा हुआ एरियर फाइनल भुगतान का आदेश जारी कर दिया गया है। रिटायर्डकर्मियों पर प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है जिसके कारण उनका पेंशन रिव्यू नहीं हो पा रहा है। वेतन समझौता का लाभ एक जुलाई 2016 से मिलना है। वेतन समझौता अक्टूबर 2017 में किया गया। स्थाई कोल कर्मियों को एरियर का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन सेवानिवृत्त कोलकर्मियों के भुगतान को लेकर प्रबंधन गंभीर नहीं दिख रही है। दो साल में करीब 25 हजार सेवानिवृत्त को कर्मी वंचित है। फाइल एरियर बनने से सेवानिवृत्त कोल कर्मियों के पेंशन में औसतन दो हजार तक बढ़ोतरी होगी।
सेवानिवृत्त कोल कर्मियों के एरियर भुगतान में हो रही देरी को लेकर लगातार विभिन्न संगठनों द्वारा प्रबंधन के समक्ष आवाज उठाई जा रही है। रिटायर्डकर्मियों का एरियर भुगतान का फाइनल बिल नहीं बनने से पेंशन विभाग सहित अन्य मामले में दिक्कत हो रही है। सेवानिवृत्त कर्मियों का कहना है कि एरियर वेतन बढ़ोतरी का हिस्सा है इसलिए उस राशि को प्रबंधन किसी भी हाल में नहीं रोके। बढ़े हुए वेतन की राशि रोकने का अधिकार प्रबंधन को नहीं है ।
क्या कहते सेवानिवृत्त कर्मी :
कोल इंडिया निदेशक कार्मिक आरपी श्रीवास्तव को पत्र लिखा है। भुगतान तुरंत करने की मांग रखी है। फाइनल एरियर नहीं बनने से पेंशन रिव्यू नहीं किया जा रहा है। अधिक दिन होने से कई तरह की परेशानी कर्मियों को उठानी पड़ती है। प्रबंधन को इस पर ध्यान देना चाहिए।
- वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ, संयुक्त महासचिव, आरसीएमएस
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एरियर भुगतान में देरी से पेंशन रिव्यू नहीं हो पा रहा है। साथ ही भुगतान को लेकर भी काफी इंतजार करना पड़ा रहा है। सेवानिवृत्त कोलकर्मियों की समस्याओं पर प्रबंधन को विशेष ध्यान देना चाहिए। कई कर्मियों को लंबे समय बीत जाने के बाद जानकारी अभाव में भी इसका लाभ नहीं ले पाते है।
- मधुसूदन वैद्य लिपिक सेवानिवृत्त, सीएमपीडीआइ धनबाद
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प्रबंधन की नीति हमेशा से ढुलमुल रही है। सेवानिवृत्त कोलकर्मियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एरियर भुगतान का मामले पर प्रबंधन की गंभीरता नहीं दिख रही है। सेवानिवृत्त कोलकर्मियों को पेंशन ही सहारा होता है, उस पर भी प्रबंधन का ध्यान नहीं है।
- राजेंद्र प्रसाद, सेवानिवृत्त लेखा लिपिक, सीसीडब्ल्यूओ धनबाद