Coal India: खनन क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए हरियाली पर जोर, कोल इंडिया ने अब तक 10 करोड़ पाैधरोपण का दावा किया
Coal India खनन से प्रदूषण होता है। इलाके का पर्यावरण बिगड़ जाता है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार का जोर प्रदूषण का स्तर कम करने पर है। इसके मद्देनजर नेशनल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइन को कड़ाई से पालन कराने के लिए हर स्तर पर काम किए जा रहे हैं।
धनबाद [ आशीष अंबष्ठ ]। पर्यावरण की रक्षा के लिए कोल इंडिया ने हरियाली पर जोर दिया है। इससे तहत अब तक करीब 10 करोड़ पाैधे (99.6 मिलियन) पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें से करोड़ों पौधे पेड़ का रूप ले चुके हैं। जिन खनन क्षेत्रों में पाैधे लगाए गए हैं वहां प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में है। इसके साथ ही प्रदूषण को कम करने के लिए उत्पादन स्थल से डिस्पैच स्थल तक कन्वेयर बेल्ट के जरिए कोयला प्रेषण की व्यवस्था कायम की जा रही है। इस व्यवस्था को खड़ा करने के लिए प्रथम चरण में करीब 18000 करोड़ रुपये खर्च करने का बजट तैयार किया गया है।
प्रदूषण का स्तर कम करने का केंद्र सरकार का दबाव
खनन से प्रदूषण होता है। इलाके का पर्यावरण बिगड़ जाता है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार का जोर प्रदूषण का स्तर कम करने पर है। इसके मद्देनजर नेशनल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइन को कड़ाई से पालन कराने के लिए हर स्तर पर काम किए जा रहे हैं। कोयला खनन क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। कोयला मंत्रालय ने रिपोर्ट साैंप दी है। कोल इंडिया में भूमिगत खदान से अधिक अब खुली खदानों से कोयला उत्पादन हो रहा है। इस कारण प्रदूषण फैल रहा है। यह सर्वे रिपोर्ट में आने के बाद सभी इसके रोकथाम के प्रयास में जुटे हैं।
39842 हेक्टेयर जमीन पर 99.6 मिलियन पौधरोपण
कोयला मंत्रालय ने पर्यावरण मंत्रालय को रिपोर्ट साैंपी है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने 31 मार्च, 2020 तक अपनी स्थापना के समय से 39842 हेक्टेयर क्षेत्र में 99.6 मिलियन से अधिक पेड़ लगाए हैं। कोल इंडिया खदानों और आवासीय कालोनियों के आसपास पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए हर साल व्यापक पाैधरोपण कार्य करता है। ओबी डंप पर इको पार्क का निर्माण सहित बंद ओपन कास्ट खदानों के समतलीकरण कर पौधरोपण का काम भी तेजी से किए जा रहे हैं। बीसीसीएल, ईसीएल और सीसीएल में इसका व्यापक असर भी दिख रहा है।