कोल इंडिया का 23589 हजार करोड़ पावर प्लांटों पर बकाया
धनबाद कोल इंडिया पावर प्लाटों से बकाया राशि को लेकर लगातार दबाव बना रही है। पावर प्लाटों पर कोल इंडिया का करीब 23589 हजार करोड़ रुपये का बकाया हो गया है। अगर यह राशि कोल इंडिया को मिल जाए तो कंपनियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आ जाएगा।
धनबाद : कोल इंडिया पावर प्लाटों से बकाया राशि को लेकर लगातार दबाव बना रही है। पावर प्लाटों पर कोल इंडिया का करीब 23589 हजार करोड़ रुपये का बकाया हो गया है। अगर यह राशि कोल इंडिया को मिल जाए तो कंपनियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आ जाएगा। कोल इंडिया के सूत्रों के अनुसार बीसीसीएल का 3417 सौ करोड़, सीसीएल का 3910 तो ईसीएल का 4561 करोड़ का बकाया है। अगर केवल डीवीसी की बात करें तो यह राशि 3703 करोड़ के आसपास है। कोरोना के बाद जो राशि पावर प्लांटों से कोयला कंपनियों को मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है। झारखंड में ही कोल इंडिया की तीन बड़ी कंपनियां हैं। बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल। इन तीनों कंपनी को मिलाकर करीब साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये के आसपास बकाया है। राशि नहीं मिलने से कोल कंपनियों की स्थिति खराब :
पावर प्लाटों से बकाया राशि नहीं मिलने से सबसे खराब स्थिति बीसीसीएल की है। बीसीसीएल हर माह करीब हजार करोड़ का कोयला पावर प्लाटों को बेचती है। इसके एवज में जो राशि हर माह कंपनी को मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है। यह स्थिति ईसीएल व सीसीएल की भी है। छह कंपनी की स्थिती खराब : मौजूदा समय में कोल इंडिया की बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल, एसईसीएल, डब्ल्यूसीएल व एनईसी कंपनी की स्थिति आर्थिक रूप से खराब है। कोल इंडिया उत्पादन व डिस्पैच ग्रोथ निगेटिव है। मार्च 2019 से बढ़ता गया बकाया :
कोल इंडिया से मिली जानकारी के अनुसार मार्च 2019 में पावर प्लाटों पर बकाया 75 सौ करोड़ का था। अप्रैल 2020 में यह बढ़कर 1788.4 करोड़ पहुंच गया। अब यह राशि कोरोना महामारी के दौरान बढ़कर 23589.85 करोड़ पहुंच गई है। बीसीसीएल 3417.31 करोड़
ईसीएल 4561.13 करोड़
डब्ल्यूसीएल 2www.25 करोड़
सीसीएल 3910.61 करोड़
एनसीएल 4291.00 करोड़
एमसीएल 2593.60 करोड़
एसईसीएल 2582.78 करोड़
एनईसी 11.17 करोड़ कुल 23589.85 करोड़ पावर प्लांटों पर बकाया :
डीवीसी 3703 करोड़
डब्ल्यूपीडीसीएल 2552 करोड़
एनटीपीसी 5301 करोड़