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कोल इंडिया की बैठक में फैसला, आवास नहीं छोडऩे वाले कर्मियों का भी नहीं रुकेगा ग्रेच्युटी भुगतान

बीसीसीएल स्पेशल पावर लगाकर सेवानिवृत्त कर्मियों का पैसा रोक रहा है। चेयरमैन ने कहा कि ग्रेच्युटी रोका नहीं जा सकता। अगर किसी तरह की समस्या है तो इस पर अलग तरीका निकाला जा सकता है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 01:15 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 01:15 PM (IST)
कोल इंडिया की बैठक में फैसला, आवास नहीं छोडऩे वाले कर्मियों का भी नहीं रुकेगा ग्रेच्युटी भुगतान
कोल इंडिया की बैठक में फैसला, आवास नहीं छोडऩे वाले कर्मियों का भी नहीं रुकेगा ग्रेच्युटी भुगतान

आशीष अंबष्‍ठ, धनबाद: कोल इंडिया में सेवानिवृत्त कोल कर्मियों द्वारा कंपनी के आवास नहीं छोडऩे पर ग्रेच्युटी भुगतान रोके जाने मामले पर कोल इंडिया ने गंभीरता से लिया है। शनिवार को कोलकाता में हुई केंद्रीय सलाहकार समिति (एपेक्स जेसीसी) की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। कोल इंडिया में करीब चार हजार से अधिक लोगों को किसी ने किसी कारण से ग्रेच्युटी भुगतान नहीं हो पाया है। इसमें नो ड्यूज का भी मामला है।

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इधर, एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व समिति के सदस्य रमेंद्र कुमार ने बताया कि कोल इंडिया प्रबंधन के समझ यह उठाया गया कि सेवानिवृत्त कोल कर्मियों का ग्रेच्युटी रोका जा रहा है। आवास नहीं छोडऩे को लेकर यह कहीं भी प्रावधान नहीं है कि उनकी कमाई का पैसा रोका जाए, लेकिन बीसीसीएल स्पेशल पावर लगाकर सेवानिवृत्त कर्मियों का पैसा रोक रहा है। चेयरमैन ने कहा कि ग्रेच्युटी रोका नहीं जा सकता। अगर बीसीसीएल में किसी तरह की समस्या है तो इस पर अलग तरीका निकाला जाए।

बीएमएस के वरीय नेता व समिति के सदस्य डॉ. बीके राय ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन ने बताया कि पुरानी भूमिगत माइंस को नई तकनीक के जरिए मेगा प्रोजेक्ट के रूप में तैयार किया जा रहा है, जहां से कोयला उत्पादन किया जाएगा। दो-चार भूमिगत माइंस को मिलाकर एक किया जा रहा है। प्रबंधन ने डीपीआर तैयार होने की बात कही। वहीं कोयला आयात कम करने को लेकर भी सभी को गंभीरता से लेना होगा।

बीसीसीएल, ईसीएल व डब्ल्यूसीएल में होगी कंटीन्यूअस माइनिंग: कोल इंडिया प्रबंधन ने 18 माइंस का डीपीआर तैयार करने की बात जेसीसी की बैठक में बताई। 18 माइंस में बीसीसीएल की तीन, ईसीएल की तीन, डब्ल्यूसीएल की तीन माइंस के आलावा सीसीएल, व एसईसीएल की माइंस को इसमें शामिल किया गया। लांग वाल व कंटीन्यूअस माइनिंग के जरिए कोयला खनन किया जाएगा। कोल इंडिया ने 2025-26 तक कोल इंडिया हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। आइएसएम, सिंंफर, सीएमपीडीआइएल, सीडब्ल्यूसी ने मिलकर भूमिगत खदान का डीपीआर तैयार किया है।

उत्पादन बढ़ाना लक्ष्य: कोल इंडिया चेयरमैन एके झा ने कहा कि कोल इंडिया को चालू वित्तीय वर्ष में 660 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है। कोयला आयात को कम करने के लिए उत्पादन बढ़ाना होगा। इसके लिए कोल इंडिया अपने स्तर से कई संसाधन पर लगातार काम कर रही है। कई कंपनी उत्पादन लक्ष्य से पिछड़ रही है। बीसीसीएल की स्थिति सबसे चिंतनीय है। एसईसीएल की चार मेगा प्रोजेक्ट की स्थिति में भी सुधार की जरूरत है।

लीज पर आवास देने का कई सीएमडी ने किया समर्थन: श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने कोल कर्मियों को भी अन्य पब्लिक सेक्टर की तरह आवास लीज पर देना का मामला उठाया। कई कंपनी के सीएमडी ने भी इसका समर्थन किया। इसपर कोल इंडिया प्रबंधन ने स्टडी रिपोर्ट तैयार कराने की बात की। 


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