Lockdown के विरोध में प्राइवेट शिक्षकों ने बेची सब्जी, कहा - सुशांत सिंह राजपूत बनने पर मजबूर न करें Dhanbad News
शिक्षकों ने कहा कि शराब की दुकान कपड़े-जूते की दुकान इलेक्ट्रॉनिक हाट बाजार और कोर्ट खुल सकता है तो हमारे कोचिंग सेंटर क्यों नहीं। क्या हमें जीने का अधिकार नहीं है।
धनबाद, जेएनएन। टमाटर 50 रुपये किलो, आम 40 रुपये किलो, अच्छा चलिए 30 रुपये ही दे दीजिए। यह सब आपको अमूमन सब्जी बाजार में सुनने को मिलता है। मंगलवार को अजीबोगरीब नजारा दिखा। जो शिक्षक कभी छात्रों को जीवन का पाठ पढ़ाकर भविष्य का निर्माण कर रहे थे, वही आज चौराहे पर सब्जी और फल बेचते नजर आए। एक-दो नहीं लगभग 15 ठेले रणधीर वर्मा चौक पर दिखे। इसके साथ ही 40 से अधिक प्राइवेट एवं कोचिंग संचालक सब्जी और फल का मोलभाव करते रहे। देखते ही देखते डेढ़ घंटे में शिक्षकों ने सब्जी और फल बेच डाला। इस बीच पुलिस के जवानों ने चौक से इन्हें तितर-बितर करने का काम किया। कई ठेलों पर तख्तियां भी दिखीं, जिसपर लिखा था कि हमें सुशांत सिंह राजपूत बनने पर मजबूर न करें।
धनबाद जिला कोचिंग एसोसिएशन के मनोज कुमार एवं विकास तिवारी ने कहा लंबे लॉकडाउन के कारण जिले के पांच हजार से अधिक प्राइवेट शिक्षकों एवं कोचिंग संचालकों की आॢथक स्थिति दयनीय हो चुकी है। मकान का किराया लगातार बढ़ता जा रहा है। ईएमआइ, इंश्योरेंस भी देना है। आखिर हम लोग भी तो टैक्स भरते हैं तो अनदेखी क्यों की जा रही है। डीसी, डीईओ, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, एसडीएम सभी को अपनी समस्या से अवगत करा चुके हैं, सिर्फ आश्वासन मिला है। न तो हमें कोचिंग सेंटर को खोलने की इजाजत दी गई न हीं सरकार से कोई विशेष सहयोग मिला है।
शिक्षकों ने कहा कि शराब की दुकान, कपड़े-जूते की दुकान, इलेक्ट्रॉनिक, हाट बाजार और कोर्ट खुल सकता है तो हमारे कोचिंग सेंटर क्यों नहीं। हमें जीने का अधिकार है। अब जीवन को आगे बढ़ाने के लिए कोई विकल्प बचा ही नहीं है। इसलिए विवश होकर फल-सब्जी का ठेला लगाना पड़ा। अब ठेला लगाकर सब्जी बेचेंगे और अपना गुजर-बसर करेंगे। मौके पर धनबाद जिला कोचिंग एसोसिएशन के रविंद्र विश्वकर्मा, रंजीत कुमार, सचिन कुमार और मुकेश कुमार मौजूद थे।