Move to Jagran APP

Jharkhand Lockdown: पहले से जारी छूट में फिलहाल वृद्धि नहीं होगी, अभी ऐसे ही चलता रहेगा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह

Jharkhand Lockdown झारखंड में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 22 अप्रैल 2021 को स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह ( Mini Lockdown) शुरू हुआ था। एक-एक सप्ताह के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में लगातार वृद्धि की जा रही है। 3 जून से इसमें छूट दी जा रही है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 11:50 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 08:16 AM (IST)
Jharkhand Lockdown: पहले से जारी छूट में फिलहाल वृद्धि नहीं होगी, अभी ऐसे ही चलता रहेगा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड में अनलॉक 5.0 चल रहा है। इसकी अवधि 7 जुलाई की सुबह समाप्त होगी। ऐसा माना जा रहा था कि 7 जुलाई से हेमंत सरकार स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह ( मिनी लॉकडाउन) में कुछ और छूट देगी और अनलॉक 6.0 शुरू होगा। लेकिन राज्य सरकार की तरफ से इस दिशा में अब तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है। जबकि अनलॉक 5.0 की अवधि 7 जुलाई की सुबह 6 बजे समाप्त हो चुकी है। धनबाद जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि पहले से जारी दिशा-निर्देश का पालन किया जाएगा जब तक कोई नया आदेश नहीं आ जाता है।

loksabha election banner

अब तक कोचिंग शिक्षकों और मंदिर के पुजारियों को राहत नहीं

झारखंड सरकार के रूख पर कोचिंग संचालकों, कोचिंग शिक्षकों और मंदिर के पुजारियों की नजरें टिक गई हैं। झारखंड में 22 अप्रैल को स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह ( मिनी लॉकडाउन) शुरू हुआ था। कोरोना संक्रमण की दर कम होने के बाद 3 जून से राज्य सरकार मिनी लॉकडाउन में छूट दे रही है। इसे अनलॉक कहा जा रहा है। अनलॉक 1 से अनलॉक 5 के बीच हाट-बाजार खोलने, बस परिचालन, मॉल-सिनेमा हॉल, पार्क, रेस्टूरेंट खोलने की छूट राज्य सरकार दे चुकी है। लेकिन मंदिरों का दरवाजा भक्तों और कोचिंंग क्लास का दरवाजा छात्रों के लिए खोलने पर सरकार ने अब तक निर्णय नहीं लिया है। कोचिंग क्लास तो पिछले साल 25 मार्च, 2020 को हुए लॉकडाउन के बाद से ही बंद हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्यों हेमंत सरकार कोचिंग शिक्षकों और मंदिरों की पुजारियों की अब सुध लेगी।

सावन का महीना नजदीक, भक्त चाहते खुले मंदिर

मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करने से मन को जो शांति मिलती है उसकी कोई सानी नहीं है। अपनी आस्था के अनुसार सभी अपने-अपने धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा करते हैं और करना भी चाहते है। लेकिन कोरोना बीच में बाधा बन गया है। पूजा करने से शुभ फल प्राप्‍त होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसलिए सावन महीने में धनबाद के शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है। सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की कतार लगी रहती है। पूजा करने से मन को शांति और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। लेकिन इन दिनों कोरोना के कारण शहर के मंदिरों का दरवाजा भक्तों के लिए बंद है। इसे खोलने के लिए पुजारियों के साथ भक्तों को भी अभी इंतजार है। जिस प्रकार अनलाक के दाैरान  धीरे-धीरे सभी दुकानें, माल आदि खुलने की अनुमति दी गई है, उसी प्रकार मंदिरों को भी खोलने की मांग की जा रही है।  

भूईफोड़ मंदिर में सावन के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यहां दूर-दूर से व्रत रखकर पूजा अर्चना करने आते हैं। इसलिए अगले अनलाक में मंदिर को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर से ही पूजा कर वापस जाना ना पड़े।

-स्वामी प्रयाग्य आत्मानंद, भुईफोड़ मंदिर

पिछले साल कोरोना का कहर गहरा था। इसीलिए अधिकतर श्रद्धालु घर में ही सावन में पूजा अर्चना किए। मंदिर में बेहद कम श्रद्धालु पहुंचे। इस बार शिव भक्तों की इच्छा है कि मंदिर में जाकर शिव जी को जलाभिषेक कर पूजा करें। इसलिए मंदिर का जल्द खोला जाए।

-राकेश पांडेय, खड़ेश्वरी मंदिर

कतरास लिलोरी मंदिर के जहां जिले के साथ दूसरे राज्य के भी श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुचते है। इसीलिए सरकार से नम्र निवेदन है कि मंदिर को सरकारी गाइडलाइन के अनुसार खोलने का आदेश दे। 

- सिंटू बाबा 

पिछले साल सावन महीने में हरि नारायण कालोनी शिव मंदिर में शिव भक्त मंदिर के अंदर प्रवेश कर जलाभिषेक करने चाह रहे थे। लेकिन सरकारी गाइडलाइन के अनुसार मंदिर का कपाट बंद किया गया है। इसलिए भक्तों को निराशा होकर बाहर से ही पुजा कर वापस जाना पड़ रहा है। इस साल ऐसा ना हो तो उचित होगा।

- सुनिल मिश्रा पुजारी  

बड़ी भयावह हो चली कोचिंग शिक्षकों की जिंदगी

कोचिंग संस्थान अपनी बदहाली पर रो रहे हैं। इतने परेशान हैं कि मानसिक तनाव में आ चुके हैं। हर कुछ खुलने के बाद भी कोचिंग बंद है। खराब आर्थिक स्थिति की वजह से कई कोचिंग बंद होने की कगार पर है। अनलॉक-6 से कोचिंग संचालकों को ढेरों उम्मीदें हैं। कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष सह धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह कहते हैं कि लगभग 18 महीने से कोचिंग बंद है। संस्थान आर्थिक समस्या झेल रहे है। अभी तक कोचिंग सेंटरों को खोलने की अनुमति नहीं दी गयी है। बच्चों की सुरक्षा को सरकार ज्यादा महत्त्व दे रही है, यह सही भी है। सिर्फ कोचिंग के सहारे अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे शिक्षक अत्यंत दयनीय स्थिति में हैं। इनका जीवन वैसे भी किसी तरह से चलता था, मगर लॉकडाउन के कारण अब भुखमरी की स्थिति होने लगी है।

सिंह ने कहा है कि घर का राशन, दवा, घर का किराया, कोचिंग का किराया, बच्चों की स्कूल फीस, किताब कॉपी, ऑनलाइन क्लास के लिए नेट पैक का रिचार्ज इस प्रकार के कई जरुरी खर्च है। यह हर महीने होना ही होना है। इस समस्या का कोई समाधान करे। जब बाजार और मॉल खोला जा सकता है, जहां कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन भी सही ढंग से नहीं होता है तो फिर कोचिंग क्यों नहीं खोला जा सकता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.