CMPF UNCLAIMED FUND SCAM: कोयला मंत्रालय ने भ्रष्टाचार पर मारी जबरदस्त चोट, अफसरों से वसूले जाएंगे 1.25 करोड़
विजिलेंस जांच में यह बात आई कि चापापुर में कार्यरत राजू मांझी की मृत्यु कई साल पहले हो चुकी है। पीएफ के दलालों ने उसे जीवित बनाकर बैंक ऑफ इंडिया की निरसा शाखा में खाता खोल दिया।
धनबाद [आशीष अंबष्ठ, धनबाद]। इस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (ईसीएल) में मुगमा एरिया के बैजना, चापापुर प्रोजेक्ट के 19 कर्मचारियों के पीएफ खाते से फर्जी भुगतान के मामले में कोल माइंस भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पीएफ खाते से फर्जी निकासी के मामले में कोयला मंत्रालय के आदेश पर फर्जी निकासी से कोल माइंस भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) के दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों से सवा करोड़ रुपए वसूली का आदेश दिया गया है। यह राशि उन सभी पांच लोगों से वसूली की जाएगी, जो सीएमपीएफ के आसनसोल क्षेत्रीय कार्यालय में नन इफेक्टिव अकाउंट को देख रहे थे। तत्कालीन क्षेत्रीय आयुक्त आर प्रसाद, लिपिक विश्वजीत मुखर्जी, कार्यालय अधीक्षक समेत और दो लोगों के नाम हैं। क्षेत्रीय आयुक्त समेत और लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हुई है।
सीएमपीएफ के विजिलेंस विभाग ने 19 कर्मचारियों के पीएफ खाते से फर्जी निकासी की जांच करने के बाद गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित किया है। एक जांच 9 लोगों से जुड़ी है जिसमें 1.12 करोड़ की निकासी की गई थी। दूसरी जांच 10 लोगों की है, जिसमें 88 लाख रुपये की निकासी की गई थी। 9 कर्मचारियों से जुड़ी जांच के मामले में कोयला मंत्रालय ने कार्रवाई का आदेश निर्गत कर दिया है।
विजिलेंस जांच में खुला था फर्जी निकासी का राजः विजिलेंस जांच में यह बात आई कि चापापुर कोलियरी में कार्यरत राजू मांझी की मृत्यु कई साल पहले हो चुकी है। पीएफ के दलालों ने उसे जीवित बनाकर बैंक ऑफ इंडिया की निरसा शाखा में खाता खोल दिया। 2004 के बाद इस मद में पीएफ अंशदान का कोई पैसा जमा नहीं हुआ। आसनसोल के क्षेत्रीय कार्यालय ने इस मद में सीएमपीएफ के फंड से ही भुगतान करके उसे अपडेट कर दिया।
सीबीआई जांच हुई तो बेनकाब हो सकते कई और चेहरेः सीएमपीएफ के शीर्ष प्रबंधन ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है। पश्चिम बंगाल सरकार से एनओसी नहीं मिली है। एनओसी मिलने के बाद सीबीआई इसकी जांच शुरू करेगी। सीबीआई जांच में कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। वैसे, अभी आसनसोल पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है। सीएमपीएफ का एक कर्मचारी पुलिस की जांच के दौरान सरकारी गवाह बन गया है।
राशि वसूली का आदेशः प्रभारी आयुक्त अनिमेष भारती के अनुसार सीएमपीएफ फर्जी निकासी की गई राशि की वसूली का आदेश दिया गया है। प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी मिली है। सीबीआई जांच की अनुशंसा भी की जा चुकी है।
- इन कर्मचारियों के नाम से फर्जी निकासी
- मुगमा एरिया की राजपुरा कोलियरी की जिमाली मंझिआइन की मौत के बाद बैंक ऑफ इंडिया की निरसा शाखा से पीएफ खाता से 10 लाख रुपए निकाले गए।
- बारामुड़ी कोलियरी में काम के दौरान जान गंवाने वाले श्याम लाल की पीएफ राशि को भी बैंक ऑफ इंडिया की निरसा शाखा से निकाल लिया गया।
- चापापुर कोलियरी की मंगोली मंझियाइन ने वीआरएस लिया था। मृत्यु हो गई। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया की निरसा शाखा से पीएफ एकाउंट के 2.70 लाख रुपए निकाले गए।
- चापापुर कोलियरी के अशोक भुइयां के भी पीएफ खाते की राशि को निकाल कर हड़प लिया गया। उसके परिजनों को बहुत दिनों के बाद इसका पता चला।
- लखन माझी बर्खास्त हो गए थे। इलाहाबाद बैंक की निरसा शाखा से उनके पीएफ खाते के 12.17 लाख रुपए निकाल लिए गए थे।
- सेवा से बर्खास्त होने वाले गोमिया मुंडा के पीएफ खाते के 8.95 लाख रुपए इलाहाबाद बैंक की निरसा शाखा से निकाले गए थे।
- चापापुर कोलियरी के सितुवा भुइयां की पीएफ की राशि को भी निकाला गया।
- कुमारधुबी कोलियरी के बर्खास्त होने के बाद मृत हो गए मांगा राम माझी को सेवा में दिखाया गया। पीएफ की राशि निकाल ली गई।
- सेवा से बर्खास्त भवानी मंझिआइन के पीएफ खाते के 10.61 लाख रुपए इलाहाबाद बैंक की निरसा शाखा से निकाला गया।
- ईसीएल से बर्खास्त लाला माझी कके पीएफ एकाउंट से 9.32 लाख रुपए इलाहाबाद बैंक की निरसा शाखा से निकाल लिए गए।
- मृत कर्मचारी बुधन माझी को जीवित बता कर इलाहाबाद बैंक की निरसा शाखा से पीएफ के 10 लाख रुपए की निकासी कर ली गई।