निरसा थाना के सामने कोयले के धंधे में वर्चस्व को ले गोलीबारी, मची भगदड़
खुदिया नदी का किनारा कोयला चोरों के लिए स्वर्ग बना हुआ है। नदी के किनारे पांच से 7 फीट गड्ढा खोदते ही कोयला मिल जाता है।
निरसा, जेएनएन। निरसा थानांतर्गत पिठाकियारी गांव में कोयले के धंधे में वर्चस्व को लेकर शुक्रवार रात दो गुटों में भिड़ंत हो गई। इस दौरान जमकर मारपीट एवं गोलीबारी हुईं। जिससे गांव के काली मंदिर के समीप भगदड़ मच गई। ग्रामीणों की सूचना पर निरसा पुलिस पहुंची, तब तक दोनों गुट के लोग फरार हो चुके थे। हालांकि पुलिस ऐसी किसी भी घटना से साफ इंकार कर रही है।
यह है मामला : पिठाकियारी स्थित खुदिया नदी के किनारे दर्जनों अवैध खदानें संचालित हो रही है। एक गुट द्वारा उन खदानों का संचालन किया जाता है। वहीं दूसरा गुट अवैध खदान संचालकों से प्रतिदिन प्रति खदान 500 रुपये रंगदारी की मांग कर रहा था। इसी बात को लेकर दोनों गुटों के बीच मारपीट हुई। मारपीट के क्रम में गोलीबारी होने की भी सूचना है। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच बीते एक सप्ताह से तनातानी चल रही थी। हालांकि इस संबंध में किसी भी पक्ष की ओर से निरसा थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
खुदिया नदी का किनारा बना कोयला चोरों का सेफ जोन : खुदिया नदी का किनारा कोयला चोरों के लिए स्वर्ग बना हुआ है। नदी के किनारे पांच से 7 फीट गड्ढा खोदते ही कोयला मिल जाता है तथा नदी के किनारे जंगल झाड़ी कोयला चोरों को अलग से लाभ पहुंचाते हैं। जंगल झाड़ी रहने के कारण पुलिस की गाड़ी आसानी से अवैध खदानों तक नहीं पहुंच पाती। जिसका लाभ कोयला चोर बखूबी उठाते हैं। निरसा के कुहंका से लेकर मुगमा तक लगभग 5 से 7 किलोमीटर की दूरी में खुदिया नदी के किनारे सैकड़ों अवैध उत्खनन स्थल बनाकर कोयला चोर आसानी से प्रतिदिन हजारों टन कोयला चोरी कर रहे हैं। इसकी जानकारी पुलिस, सीआईएसएफ, ईसीएल प्रबंधन सभी को है। परंतु कोई भी इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठा रहा।
मारपीट की सूचना पर पुलिस गई थी। परंतु वहां पर कोई नहीं था। आस-पास के लोगों से पूछताछ की गई। उन्होंने गोली चलने की बात से इंकार किया। इस मामले में किसी पक्ष द्वारा निरसा थाना में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। फिर भी पुलिस मामले पर नजर रखे हुए हैं।
-सुषमा कुमारी, निरसा थाना प्रभारी
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